आयकर ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तारीख अब 7 अक्टूबर: आपको क्या जानना चाहिए

आयकर ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तारीख अब 7 अक्टूबर: आपको क्या जानना चाहिए

आयकर ऑडिट रिपोर्ट की डेडलाइन बढ़ी: जानें नए बदलावों का महत्व

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए आयकर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की डेडलाइन को 30 सितंबर 2024 से बढ़ाकर 7 अक्टूबर 2024 कर दिया है। इस निर्णय का मुख्य कारण आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर आई तकनीकी समस्याएं हैं, जिन्हें देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

अंतिम तारीख में बदलाव क्यों?

ई-फाइलिंग पोर्टल पर अस्थायी तकनीकी समस्याओं के कारण कई करदाताओं को अपनी ऑडिट रिपोर्ट समय पर जमा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसको ध्यान में रखते हुए CBDT ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया।

किसे मिलेगा लाभ?

इस विस्तार का लाभ सभी करदाताओं को मिलेगा जिनकी आयकर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2024 है। इस कदम से न केवल व्यक्तिगत करदाता बल्कि कंपनियां और व्यवसाय भी लाभान्वित होंगे।

करदाताओं की चिंता

यह विस्तार भले ही करदाताओं के लिए राहत की खबर हो, लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि करदाताओं को नया समय-सीमा पूरा करने में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि अंतिम तारीख से पहले ही ऑडिट रिपोर्ट जमा कर देनी चाहिए ताकि किसी प्रकार की गलती या तकनीकी समस्या से बचा जा सके।

दंड का प्रावधान

यदि कोई करदाता ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख को नहीं मानता है, तो उस पर 0.5% की पेनाल्टी लग सकती है जो उसकी कुल बिक्री, टर्नओवर या सकल रसीदों का अनुपालन करेगी। यह पेनाल्टी अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक हो सकती है। हालाँकि, यदि करदाता सही कारण पेश कर सके तो असिस्टिंग अधिकारी के विवेक के आधार पर पेनाल्टी माफ की जा सकती है।

कौन हैं ऑडिट रिपोर्ट के लिए अनिवार्य?

भारत में कुछ खास करदाता वर्गों के लिए ऑडिट रिपोर्ट अनिवार्य है। इसमें वे व्यवसाय जिन्हें 1 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर है, वे पेशेवर जिन्हें 50 लाख रुपये से अधिक की सकल रसीदें हैं, और वे करदाता जो अनुमत करछूट योजनाओं के तहत निर्धारित सीमा से कम लाभ की घोषणा करते हैं, शामिल हैं।

ऑडिट रिपोर्ट की महत्ता

ऑडिट रिपोर्ट करदाता की आयकर गणना और सत्यता की पुष्टि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सही और समुचित ऑडिट रिपोर्ट जमा करने से न केवल करदाताओं को पेनाल्टी से बचाया जा सकता है, बल्कि आयकर विभाग की ओर से किसी भी संभावित असहमति या विवाद से भी निजात मिलती है।

तकनीकी समस्याएं: समाधान की दिशा में कदम

CBDT ने इस बढ़ाई गई तारीख के साथ उन तकनीकी समस्याओं को सुधारने का वचन दिया है जो ई-फाइलिंग पोर्टल पर करदाताओं को आईं। वर्तमान में, पोर्टल पर आसानी से और सुरक्षित रूप से ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की व्यवस्था की जा रही है।

आगे की तैयारी

हालांकि विस्तार एक राहत है, लेकिन करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द अपनी ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर लें और अंतिम तारीख तक जमा कर दें ताकि अंतिम समय की भागदौड़ और संभावित त्रुटियों से बचा जा सके।

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