बजट 2024-25 में एसटीटी बढ़ोतरी के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट

बजट 2024-25 में एसटीटी बढ़ोतरी के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट

बजट 2024-25 में एसटीटी वृद्धि का असर

भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 प्रस्तुत किए, जिसमें उन्होंने फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) की सिक्योरिटीज पर सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) बढ़ाने की घोषणा की। इस घोषणा का भारतीय शेयर बाजार पर तुरंत प्रभाव पड़ा और बीएसई सेंसेक्स 1,266 अंक गिरकर 79,235.91 पर और एनएसई निफ्टी 435.05 अंक गिरकर 24,074.20 पर आ गया।

इससे पहले मार्केट में एक सकारात्मक रुझान देखा जा रहा था, लेकिन बजट की प्रगति के साथ ही यह तेजी से गिरने लगा। STT में इस बढ़ोतरी का मुख्य उद्देश्य सरकार के राजस्व को बढ़ाना है, लेकिन इसका तत्काल असर निवेशकों के मनोबल पर देखा गया।

प्रमुख लाभार्थी और हानिग्रस्त कंपनियां

बाजार में इसमें लार्सन एंड टूब्रो, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारतीय स्टेट बैंक और बजाज फिनसर्व जैसी कंपनियों को प्रमुख हानि हुई है। दूसरी ओर, टाइटन, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनीलीवर और अदानी पोर्ट्स जैसी कंपनियों को लाभ हुआ है। ये कंपनियां इस गिरावट के बावजूद बढ़त पर रहीं।

सरकार ने बजट में यह भी घोषणा की कि मध्य और उच्च मध्य वर्ग के लिए कुछ वित्तीय संपत्तियों पर पूंजीगत लाभ छूट सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये सालाना कर दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य इस वर्ग के निवेशकों को प्रोत्साहित करना है।

सरकार का आर्थिक लक्ष्यों पर जोर

सरकार का आर्थिक लक्ष्यों पर जोर

निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में भारत की आर्थिक वृद्धि पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत की मुद्रास्फीति दर स्थिर है, जो 4% पर है और कोर मुद्रास्फीति 3.1% पर है। यह संकेत है कि सरकार आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, विशेषकर जब वैश्विक नीतियों में अनिश्चितता बनी रहती है।

हालांकि शेयर बाजार में भारी गिरावट से छोटे और मझोले निवेशकों के बीच चिंता बढ़ी है, लेकिन सरकार का मानना है कि लंबे समय में ये कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे।

निवेशकों का प्रतिक्रिया

निवेशकों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि STT में बढ़ोतरी से बाजार में अस्थिरता का दौर शुरू हो सकता है, वहीं अन्य का मानना है कि यह अस्थायी गिरावट है और जल्द ही बाजार इसे समायोजित कर लेगा।

कई निवेशकों का मानना है कि बजट में मध्य वर्ग को राहत देने के प्रयास सकारात्मक साबित होंगे। पूंजीगत लाभ छूट सीमा बढ़ाने से दीर्घकालिक निवेशकों को लाभ मिलेगा और वे अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे।

अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उपाय

अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उपाय

सभी के नज़रें अब सरकार के अगले कदमों पर होगी कि वे इन परिवर्तनों का कैसे प्रबंधन करती है। वित्त मंत्री ने बजट में दर्शाया कि सरकार आर्थिक सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनके शब्दों में, यह बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करेगा और विकास की दिशा में एक नया कदम होगा।

अंत में, यह स्पष्ट है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, और आने वाले समय में निवेशक और नीति-निर्माता दोनों ही सतर्कता और उत्सुकता से इन परिवर्तनों का पालन करेंगे।

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