हेमंत सोरेन ने 45 वोटों से जीता विश्वास मत, कैबिनेट के सभी 12 पद भरे

हेमंत सोरेन ने 45 वोटों से जीता विश्वास मत, कैबिनेट के सभी 12 पद भरे

हेमंत सोरेन विश्वास मत में सफल

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले विश्वास मत में 74 में से 45 वोटों के साथ सफलता प्राप्त की। यह घटना उनके लिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इसे उनके राजनीतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। यह सुनिश्चित करते हुए उन्होंने अपने नेतृत्व कारगर घोषित किया, हेमंत सोरेन ने विपक्ष के तमाम आरोपों और चुनौतियों को पार किया।

रांची भूमि घोटाले के संदर्भ में जेल से रिहाई

इस से पहले, हेमंत सोरेन को रांची भूमि घोटाला मामले में 28 जून को जमानत पर रिहा किया गया था। यह मामला उनके खिलाफ वर्षों से चल रहा था, लेकिन जमानत मिलने के बाद उन्होंने राजनीतिक जीवन में एक नई ऊर्जा के साथ वापसी की। विश्वास मत जीतने के बाद अब उन्हें नई जिम्मेदारियां निभाने के लिए तैयार होना होगा।

विपक्ष का बहिष्कार और आलोचना

विश्वास मत के दौरान भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष ने बहिष्कार किया और हेमंत सोरेन की वापसी को वंशवाद की एक नई पहल के रूप में निरूपित किया। विपक्षी नेता अमर कुमार बावरी ने कहा कि हेमंत के पास फ्लोर टेस्ट के बाद कैबिनेट का विस्तार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि वे इंडियन नेशनल डेवलपमेंट अलायंस (INDIA) गठबंधन के विधायकों पर नियंत्रण नहीं बना पा रहे थे।

नए मंत्रियों की शपथ

विश्वास मत जीतने के बाद, हेमंत सोरेन ने तीन नए कैबिनेट मंत्रियों की घोषणा की, जिनमें बैदनाथ राम, दीपिका पांडे सिंह और इरफान अंसारी शामिल हैं। इनके साथ ही उन्होंने चंपई सोरेन को जल संसाधन और उच्च शिक्षा विभाग का मंत्री बनाया। चंपई सोरेन को लेकर हालांकि विवाद था कि उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा या नहीं, लेकिन अंततः ऐसा नहीं हुआ।

अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें विभिन्न आरोपों का जवाब देने के लिए भरपूर समय मिलेगा, क्योंकि वे अपने पांच माह के कारावास के बाद अब पूरी तरह स्वतंत्र हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है और वे अपनी बेगुनाही साबित करेंगे।

हेमंत की यह जीत न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे आने वाले दिनों में अपने वादों को कैसे निभाते हैं और अपने राज्य के विकास के लिए किस तरह के कदम उठाते हैं।

कैबिनेट का विस्तार और अगले कदम

कैबिनेट का विस्तार हेमंत सरकार के अगले पांच वर्षों की योजनाओं पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। तीन नए मंत्री अपने पदभार संभालते ही विभिन्न विभागों में सुधार लाने के लिए तत्पर दिखे। राज्य के विकास, शिक्षा, जल संसाधन, और आर्थिक सुधार उनके मुख्य एजेंडा में शामिल हैं।

आने वाले समय में, विपक्ष की चुनौतियों और आरोपों का सामना करते हुए कैसे हेमंत सोरेन अपनी योजनाओं को अमल में लाएंगे, यह देखना रोमांचक होगा। उनके समर्थक और नागरिक भी उनसे नए बदलावों की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे झारखंड की जनता को नई दिशा मिल सके।

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