डॉव (Dow Jones) क्या है और यह आपको क्यों जानना चाहिए
डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज—या आसान शब्दों में डॉव—अमेरिका की बड़ी कंपनीयों का एक स्टॉक इंडेक्स है। इसे देखकर वैश्विक बाजार की मूड का साफ अंदाज़ा लग जाता है। अगर आप शेयर बाजार में हैं या कभी न्यूज देखते हैं तो यह नाम अक्सर सुनाई देता है। पर क्या यह सिर्फ न्यूज़ का हिस्सा है या आपके पैसे पर भी असर डालता है? चलिए सीधे और practical तरीके से समझते हैं।
डॉव कैसे काम करता है?
डॉव 30 बड़ी अमेरिकी कंपनियों के शेयर प्राइस का औसत है। यहाँ कंपनियों का वजन उनके प्राइस के हिसाब से होता है, ना कि मार्केट कैप के। यानी एक महंगे शेयर का असर ज्यादा दिखेगा। यह सीधे बताता है कि बड़ी अमेरिकी कंपनियों की हालत कैसी है—घट रहा है या बढ़ रहा है।
डॉव के मूव को वैश्विक निवेशक, फंड मैनेजर और मीडिया closely देखते हैं। अमेरिका में जब काम-काज वाले डेटा, फेडरल रिजर्व के बयान या बड़ी कंपनियों के क्वार्टर रिपोर्ट आती है, तो डॉव तुरंत रिएक्ट करता है। यह रिएक्शन बाकी दुनिया के बाजारों तक फैल जाता है—जिसमें भारतीय बाजार भी शामिल हैं।
भारतीय निवेशक को डॉव से क्या सीखना चाहिए?
डॉव की खबर देखकर आप तुरंत ट्रेडिंग निर्णय ना लें। पर यह एक useful संकेत देता है: अगर डॉव गिर रहा है और डॉलर मजबूत है तो भारतीय एशियाई बाजारों में भी दबाव देख सकते हैं। वहीं, डॉव में तेज उछाल से विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ता है और भारत जैसे बाजारों में भी निवेश वापस आ सकता है।
कुछ practical बातें जो आप फॉलो कर सकते हैं:
- रोज़ाना बड़े आर्थिक इवेंट—जैसे US jobs data, Fed rate बयान—चेक करें। ये डॉव पर तेज असर डालते हैं।
- डॉव के साथ भारत के S&P BSE Sensex और Nifty का रिलेशन गौर करें। अक्सर रात में अमेरिका खुलने पर जो मूव होता है, सुबह इंडिया ओपन में असर दिखता है।
- लॉन्ग-टर्म निवेश के लिए छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं।
- यदि आप ट्रेडिंग कर रहे हैं तो US मार्केट फ्यूचर्स और वॉलैटिलिटी इंडेक्स (VIX) भी देखें—ये अगले सत्र का संकेत देते हैं।
हमारी साइट पर आप 'शेयर बाजार की छुट्टियां 2025' और IPO कवरेज जैसे लेख भी पढ़ सकते हैं ताकि बाजार के कैलेंडर और नई लिस्टिंग का प्रभाव समझ सकें।
अंत में एक छोटा सुझाव: डॉव एक useful संकेत है, लेकिन अकेला आधार बनाना जोखिम भरा हो सकता है। खबरें पढ़ें, ग्लोबल इवेंट्स समझें और अपनी रिस्क प्रोफाइल के हिसाब से कदम लें। सवाल है? नीचे कमेंट करके बताइए—हम कोशिश करेंगे सीधे और साफ़ जवाब देने की।
नैस्डैक का अब तक का सबसे बुरा दिन, डॉव में 200 अंकों की वृद्धि - बाजार में बदलाव
- 在 : Karthik Rajkumar Kannan
- दिनांक : जुल॰ 18 2024
नैस्डैक कंपोजिट ने 2022 के बाद से अपना सबसे बुरा दिन देखा, जिसमें 2% से अधिक की गिरावट आई। इसी बीच, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 200 अंक की बढ़ोतरी हुई, जो जून 2023 के बाद से उसका सबसे अच्छा दिन था। तकनीकी शेयरों से हटकर छोटे और चक्रीय शेयरों में निवेशकों का रुझान बढ़ रहा है।