बजट 2024: निर्मला सीतारमण बनाएंगी नया इतिहास
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई, 2024 को केंद्रीय बजट 2024-25 प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं। यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि यह उनका लगातार सातवां बजट है, जिसके बाद वह मोरारजी देसाई के बल्ले-बल्ले रिकॉर्ड को पार करेंगी जिनके नाम लगातार छह बजट प्रस्तुत करने का रिकॉर्ड है। यह बजट भी विशेष होगा क्योंकि इसे संसद के मानसून सत्र के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा।
लोकसभा की व्यापार सलाहकार समिति ने कुल 20 घंटे का समय बजट पर चर्चा के लिए निर्धारित किया है। इस दौरान विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से बहस की जाएगी, जिसमें रेलवे, शिक्षा, स्वास्थ्य, एमएसएमई और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय शामिल हैं। इस चर्चा में सभी पार्टियों के सांसद और विशेषज्ञ शामिल होंगे, जिससे बजट के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श हो सके।
बजट के ठीक पहले, 22 जुलाई, 2024 को आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 प्रस्तुत किया गया, जिसमें भारत की आर्थिक स्थिति और भविष्य की चुनौतियों पर विस्तृत विश्लेषण किया गया है। इस सर्वेक्षण को नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और व्यापारिक समुदाय द्वारा गहनता से पढ़ा और विश्लेषित किया जा रहा है, ताकि बजट के प्रस्तावों को बेहतर ढंग से समझा जा सके।
निर्मला सीतारमण: एक निष्णात वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण की यात्रा कोई साधारण नहीं रही है। अपने कार्यकाल में, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। उनमें से, कॉर्पोरेट टैक्स की कटौती, डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा, कृषि सुधार और महिलाओं के विकास के लिए नीति निर्माण जैसे कदम प्रमुख रहे हैं। उनकी नीतियों ने न केवल भारतीय बाज़ार को स्थिरता प्रदान की बल्कि विदेशी निवेश को भी आकर्षित किया।
उनके नेतृत्व के दौरान, भारतीय अर्थव्यवस्था ने अनेक प्रमुख चुनौतियों का सामना किया। नोटबंदी, GST का क्रियान्वयन, और कोविड-19 महामारी जैसी घटनाओं के बीच, सीतारमण ने चालाकी और धैर्य से नीतिगत निर्णय लिए। उनके कुशल नेतृत्व ने उनकी छवि को और भी मजबूत किया है, और अब सातवें बजट में वे और भी रोमांचक प्रस्ताव लाने की संभावना में हैं।
महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर चर्चा
इस बार के बजट सत्र में, बजट प्रस्तुति के अलावा, कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों पर भी चर्चा की जाएगी। रेलवे मंत्रालय के संदर्भ में, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्री सेवाएं, और माल ढुलाई के तंत्र को सुधारने के लिए चर्चा होगी। शिक्षा मंत्रालय से जुड़े मुद्दों पर, नई शिक्षा नीति, डिजिटल शिक्षा और अनुसंधान को मजबूत करने के प्रयासों पर चर्चा की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत, कोविड-19 टीकाकरण अभियान, स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता और नई स्वास्थ्य योजनाओं पर विचार किया जाएगा।
एमएसएमई मंत्रालय के मुद्दों में छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए वित्तीय सहायता, बाजार तक पहुंच और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के संदर्भ में, खाद्य सुरक्षा, कृषि उत्पादों का मूल्यवर्धन और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को उजागर करता है, जो अगले साल के बजट के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करेगा। इसमें वैश्विक आर्थिक परिदृश्य, घरेलू आर्थिक प्रदर्शन, कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों की स्थिति, और वित्तीय बाजारों के प्रदर्शन पर विस्तृत जानकारी दी गई है। सर्वेक्षण के निष्कर्ष नीति निर्माताओं को सूचित निर्णय लेने में मदद करेंगे, जो देश के आर्थिक वृद्धि और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण होंगे।
आशाएं और अपेक्षाएं
बजट 2024 पर इस बार जनता की बहुत सारी उम्मीदें टिकी हुई हैं। आम जनता से लेकर व्यापारिक समुदाय तक, सभी की नजरें इस बजट पर हैं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि बजट में टैक्स रियायतें, रोजगार के अवसरों को बढ़ावा, बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रावधान होंगे। इसके साथ ही, महंगाई पर नियंत्रण और आर्थिक विकास को गति देने के उपाय भी शामिल किए जा सकते हैं।
बजट 2024-25 भारतीय अर्थव्यवस्था में एक नया मोड़ ला सकता है। जब निर्मला सीतारमण इसे प्रस्तुत करेंगी, तब यह देखना दिलचस्प होगा कि उन्होंने किन-किन मुद्दों को प्राथमिकता दी है और उनके प्रस्तावित नीति निर्णय क्या प्रभाव डालेंगे।
इस सातवे बजट के साथ, निर्मला सीतारमण न केवल एक नया रिकॉर्ड स्थापित करेंगी, बल्कि भावी नीति निर्धारकों के लिए भी एक मिसाल कायम करेंगी। एक ऐसा बजट जो भारतीय अर्थव्यवस्था को नई राह पर ले जा सके और देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतर सके, यही सबसे बड़ी चुनौती होगी। आने वाले दिनों में, संसद के चर्चाओं और बहसों के बीच, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बजट के किस पहलू को सबसे अधिक समर्थन और आलोचना मिलती है।
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