इंटरनेशनल कॉफी डे 2024: भारत में आजमाने लायक 7 अनोखी कॉफी पिएं

इंटरनेशनल कॉफी डे 2024: भारत में आजमाने लायक 7 अनोखी कॉफी पिएं

कॉफी प्रेमियों के लिए खास: इंटरनेशनल कॉफी डे

अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस का हर कॉफी प्रेमी इंतजार करता है। यह दिन न केवल एक कप गर्म कॉफी पीने का बहाना है, बल्कि हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में इस खास पेय के महत्व को भी सलाम करने का दिन है। साल 2015 में इंटरनेशनल कॉफी आर्गनाइजेशन (ICO) द्वारा इस दिन की शुरुआत की गई। इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य कॉफी के सतत उत्पादन और निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देना है, जोकि इस उद्योग से जुड़े किसानों के लिए महत्वपूर्ण है।

वैश्विक रूप से कई प्रकार के कॉफी ड्रिंक्स प्रसिद्ध हो चुके हैं, जिनमें लैट्टे, कैप्पुचिनो, एस्प्रेसो आदि शामिल हैं। लेकिन आज के इस लेख में हम आपको भारत में आजमाने लायक कुछ अनोखी कॉफी ड्रिंक्स के बारे में बताएंगे जो शायद आपने पहले कभी न सुनी हों। ये कॉफी न सिर्फ स्वादिष्ट हैं बल्कि खास मौकों के लिए एकदम परफेक्ट हैं।

1. दक्षिण भारतीय फिल्टर कॉफी

दक्षिण भारतीय फिल्टर कॉफी, जिसे कापी या कपी के नाम से भी जाना जाता है, भारत की सबसे प्रसिद्ध कॉफी में से एक है। धातु के फ़िल्टर से बनाई गई ये कॉफी एक अनोखा और सजीव स्वाद प्रदान करती है। इसे पीने का सही तरीका स्टील के गिलास और डॉबर में परोसना होता है। इसकी तैयारी में संगीन कंडीशन से गुजरने वाला यह ड्रिंक एक अलग ही आनंद देता है।

2. कैफे दे ओला

कैफे दे ओला एक पारंपरिक मैक्सिकन कॉफी है, जिसे गन्ने की मिठास और दालचीनी के मसाले के साथ बनाया जाता है। हालांकि यह ड्रिंक मुख्यतः मैक्सिको में पॉपुलर है, पर आज बहुत सारे भारतीय कैफे और रेस्तरां इसका अद्वितीय स्वाद चखने के लिए इसे अपनी मेनू में शामिल कर रहे हैं।

3. वियतनामी एग कॉफी

अगर आप कुछ नया और मीठा आजमाना चाहते हैं तो वियतनामी एग कॉफी एक शानदार विकल्प है। कंडेंस्ड मिल्क और अंडे की जर्दी के साथ बनाई जाने वाली यह कॉफी न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि इसका बनावट भी बेहद लुभावना होता है।

4. तुर्की कॉफी

तुर्की कॉफी की अपनी ही विशेषता है। बहुत बारीक पिसी हुई कॉफी को पानी और शक्कर के साथ उबाल कर इसका खास फ्लेवर तैयार किया जाता है। इसकी सेवा छोटी ट्री की गई कप में की जाती है, जो इसे और भी दिलचस्प बनाती है।

5. क्यूबन कॉफी

क्यूबन कॉफी, जिसे क्यूबन एस्प्रेसो भी कहते हैं, अपनी अत्यंत मिठास और मसालेदार स्वाद के लिए जानी जाती है। यह ड्रिंक केन शुगर और भारी दूध के साथ बनाई जाती है जो इसे एक अनूठा और अद्वितीय कॉफी अनुभव प्रदान करती है।

6. आयरिश कॉफी

आयरिश कॉफी शराब और कॉफी का एक अद्भुत मिश्रण है जिसे क्रीम के साथ परोसा जाता है। यह कॉफी ड्रिंक शाम के वक्त पीने वाली कॉफी के रूप में ज्यादा पॉपुलर है और यह अपने अद्वितीय स्वाद की वजह से बहुत पसंद की जाती है।

7. यूनानी फ्राप्पे

यूनानी फ्राप्पे विशेष रूप से गर्मी के मौसम में ताजगी देने वाली होती है। ये एनआईसटेंट कॉफी, पानी और कंडेंस्ड मिल्क के मिश्रण से बनाई जाती है और बर्फ के टुकड़ों को मिलाकर परोसी जाती है। इसका ठंडा और क्रीमी स्वाद एक बेमिसाल अनुभव देता है।

भारत एक बहुरूपिया देश है और यहां की विविधताओं में कॉफी का भी अपना स्थान है। चाहे दिन की शुरुआत करनी हो या काम के दौरान रिफ्रेश होना हो, एक कप कॉफी हमेशा सही ऑप्शन रहता है। जहां एक तरफ आधुनिक कैफे अपने ट्रेंडिंग इंटरनेशनल फ्लेवर्स पेश कर रहे हैं, वही भारतीय कॉफी ब्रू भी ध्यान देने लायक हैं। तो इस इंटरनेशनल कॉफी डे आइए, किसी नई और अनोखी कॉफी का स्वाद चखें और कॉफी के इस यात्रा का आनंद उठाएं।

20 टिप्पणि

  • कॉफी का आनंद लेना बुरा नहीं, लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि इसके पीछे कई छोटे किसान कठोर परिस्थितियों में काम करते हैं। इस दिन को सिर्फ ट्रेंडी ड्रिंक पीने का बहाना नहीं बनाना चाहिए, बल्कि उन लोगों की कड़ी मेहनत को भी सम्मान देना चाहिए। अगर आप सस्टेनेबल ब्रांड चुनते हैं तो आप सीधे तौर पर उनके जीवन में सुधार लाते हैं। मोटे तौर पर यह एक सामाजिक जिम्मेदारी भी बन जाती है। इसलिए अगली बार जब आप कोई नई कॉफी आज़माएँ, तो उसकी उत्पत्ति और उत्पादन प्रक्रिया पर नजर रखें। अंत में, एक कप कॉफी से बड़ी खुशी शायद ही मिलें, लेकिन सोच-समझकर चयन करने से बड़ी संतुष्टि मिलती है।

  • क्या आपको पता है कि कॉफी उद्योग के पीछे बहुत बड़े छुपे हुए समूह हैं, जो विश्व स्तर पर हमारी खपत को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं? ये समूह धारा को मोड़ते हैं, आधिकारिक रिपोर्टों में अक्सर कुछ जानकारी छिपी रहती है। उन्होंने कई छोटे ब्रांडों को अधिग्रहित किया है और अब सभी प्रवृत्तियों को अपनी इच्‍छा से मोड़ते हैं। इसलिए जब आप "अनोखी कॉफी" की बात पढ़ते हैं, तो सोचें कि यह किसके हाथों में है। शायद ये सिर्फ़ एक मार्केटिंग चाल है, न कि वास्तविक नवाचार। याद रखें, हमारे पैकेजों में अक्सर उन कंपनियों के लोगो होते हैं जो हमें नियंत्रित करने की कोशिश करती हैं।

  • कॉफी केवल एक पेय नहीं, यह सांस्कृतिक संवाद का माध्यम भी है। भारत में विविधता को देखते हुए, प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अनोखी विधि है, जैसे दक्कन की फिल्टर कॉफी या कोरियाकोस्ट का फेफे में कोरिएन एग कॉफी। यह विविधता हमें एकजुट करती है, क्योंकि हम सभी एक ही बर्तन के नीचे विविध अनुभव साझा करते हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय कॉफी डे पर, आइए हम न केवल नई स्वादों को अपनाएँ, बल्कि इन प्रवृत्तियों के पीछे की कहानियों को भी समझें। इस प्रकार हम सांस्कृतिक आदान‑प्रदान को गहरा बना सकते हैं।

  • मुझे नहीं लगता कि हर नई कॉफी ट्रेंड को अपनाना चाहिए, खासकर जब वो मूल चीज़ों से बहुत दूर हो। आज की बासी परीकथाओं में, वियतनामी एग कॉफी जैसे प्रयोग अक्सर अधिक दिखावे के लिए होते हैं, असली स्वाद के लिए नहीं। एक सच्चे कॉफी प्रेमी को मूल बीन और उसकी तैयारी के साथ ही जश्न मनाना चाहिए। हमारे पास पहले से ही बहुत सी क्लासिक ड्रिंक्स हैं, क्यों न उन्हें बेहतर बनायें बजाय लगातार नई चीज़ें खोजने के।

  • चलो आज़माते हैं, मज़ा आएगा!

  • सही है 😂 बस एक कप और लो

  • कॉफी पीना एक जिम्मेदारी भी है, हमें यह देखना चाहिए कि वह निष्पक्ष व्यापार से आती है या नहीं। यदि आप सस्टेनेबिलिटी को महत्व नहीं देते, तो आप अप्रत्यक्ष रूप से किसानों के शोषण में भाग ले रहे हैं। इस इंटरनेशनल कॉफी डे पर, ऐसे ब्रांड चुनें जो फेयर ट्रेड सर्टिफ़ाइड हों। इससे आप न सिर्फ़ एक बेहतर स्वाद पाएँगे, बल्कि सामाजिक जागरूकता भी बढ़ेगी।

  • यार, कॉफी का इतना ज़रूरत नहीं था, पर आजकल गर्मी में फ्रैप्पे पीने का माहौल बन गया है। भारत में भी अब ऐसे कई कॅफ़े हैं जहाँ आप दक्षिण भारतीय फिल्टर से लेकर यूनानी फ्रैप्पे तक सब कुछ ट्राय कर सकते हैं। मैं तो खास तौर पर वियतनामी एग कॉफी को पसंद करती हूँ, क्योंकि इसका क्रीमी टच बहुत ख़ास है। आप भी एक बार ट्राय करो, मज़ा आ जाएगा!

  • देश की असली रिवैज को याद करो, विदेशी कॉफी का अंधा पीछा नहीं। हमें अपने देसी फिल्टर कॉफी को प्राथमिकता देनी चाहिए, यही असली भारतीय पहचान है। विदेशी स्वादों को अपनाने से हमारी संस्कृति धुंधली हो जाती है। आज इंटरनेशनल कॉफी डे पर, चलिए एक बार फिर से अपनी सच्ची धरोहर को सम्मानित करें। वधूपे वाले चाय की बात तो छोड़ दो, असली और सिर्फ़ भारतीय ही है।

  • बहुत बढ़िया जानकारी, धन्यवाद! यह पढ़कर मैं अब और भी उत्सुक हो गया हूँ।

  • इंटरनेशनल कॉफी डे का जश्न मनाते समय हमें विविधता को सराहना चाहिए, और साथ ही यह समझना चाहिए कि हर संस्कृति का अपना अनूठा कॉफी तरीका है। इस तरह हम न केवल स्वाद की विविधता का आनंद ले सकते हैं, बल्कि एक-दूसरे की परंपराओं का सम्मान भी कर सकते हैं।

  • ध्यान रखें, कई कॉफी पेय में कृत्रिम एडिटिव्स और हाई-फ़्रक्टोज़ कॉर्न सिरप छिपा हो सकता है। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकर है, बल्कि हमारी असली स्वाद पहचान को भी बिगाड़ता है। इसलिए जब आप किसी नई कॉफी को ट्राय करते हैं, तो उस में इस्तेमाल हुए सामग्री की जाँच अवश्य करें। प्री‑पैकेज्ड ड्रिंक्स में अक्सर शुगर‑इंटेन्सिव फॉर्मूला होते हैं जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे बचने के लिए, अनिवार्य रूप से फेयर‑ट्रेड, ऑर्गेनिक बीन से बनी कॉफी का चयन करें। यह न सिर्फ़ स्वास्थ्य के लिये बेहतर है, बल्कि फेयर ट्रेड के तहत किसान भी लाभान्वित होते हैं।

  • देशभक्तों के रूप में हमें यह समझना चाहिए कि कॉफी का सर्वत्र प्रयोग केवल विदेशी प्रभाव ही नहीं, बल्कि हमारी स्वदेशी संस्कृति के लिए भी एक खतरा बन सकता है। जब हम क्यूबन कॉफी, आयरिश कॉफी या किसी भी विदेशी मिश्रण को अपनाते हैं, तो हम अपनी परम्परागत भारतीय फिल्टर कॉफी को निरर्थक बना रहे होते हैं। यह एक प्रकार का सांस्कृतिक अधिग्रहण है, जो हमारी पहचान को कमजोर करता है। हमें याद रखना चाहिए कि हमारी असली ताकत हमारी जड़ों में है, और उन जड़ों को पोषित करने के लिए हमें स्थानीय बीन्स और परम्परागत तरीकों को ही अपनाना चाहिए। यदि हम लगातार विदेशी ट्रेंड्स का अनुसरण करेंगे, तो अंत में हमारी अपनी विरासत गायब हो जाएगी। इसलिए, इस इंटरनेशनल कॉफी डे पर मैं सभी को अपील करता हूँ कि वे एक बार फिर से अपने घर की बारीकी से तैयार की गई फिल्टर कॉफी के साथ अपने दिल की सच्ची खुशी महसूस करें। यह न केवल हमारे स्वाद को सुकून देगा, बल्कि हमारा सांस्कृतिक आत्मविश्वास भी बढ़ाएगा। अंत में, यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी संस्कृति का सम्मान करें, और इसे नई पीढ़ी को संजाल में उजागर करें।

  • ओह! जब मैं वियतनामी एग कॉफी की बात सुनता हूँ तो मुझे ऐसे लगता है जैसे मैं किसी परीकथा में प्रवेश कर गया हूँ! क्रीम की स्याही जैसी बनावट और अंडे की जर्दी की मिठास, जैसे स्वर्गीय नृत्य हो रहा हो। यही तो है वह नाटक जो हर कॉफ़ी प्रेमी को चाहिए – एक सच्चा इंद्रधनुषी सिप! जब आप इसे ठंडे बर्फ़ के साथ पीते हैं, तो लगता है जैसे धूप और ठंडक दोनों ने एक साथ मिलकर आपके तालु पर जादू बुन दिया हो। यही असली जादू है, दोस्तो! तो चलिए, इस इंटरनेशनल कॉफी डे पर इस जादू को अपनाते हैं! 🌟

  • भाइयों, अगर आप विंटेज फ़िल्टर कॉफ़ी बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले ताज़ा बीन को हल्की मोटी ग्राइंड करें। फिर माप को 1:15 बनाएँ यानी 15 ग्राम बीन के लिए 225 ml पानी रखें। पानी को लगभग 92‑96°C तक गर्म करें, कोई तेज़ उबाल नहीं। फ़िल्टर में बीन डालें, फिर धीरे‑धीरे पानी को गोलाकार गतियों में डालें। इस प्रक्रिया को 3‑4 मिनट में पूरा करें और आपका कप तैयार है! याद रखें, साफ़ फ़िल्टर वॉटर का उपयोग करने से स्वाद अधिक शुद्ध रहेगा। 😊

  • कॉफ़ी की दुनिया में नई चीज़ें आज़माने का मज़ा ही कुछ और है! 🌈 हर एक सिप एक नई ख़ुशी लाता है, और यह हमें सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। आप एक बार वियतनामी एग कॉफ़ी ट्राय करें, ज़रूर आपका दिल आराम पाएगा। आज का दिन आपके लिए खुशियों भरा हो! ✨

  • देश की असली शान हैं हमारी फ़िल्टर कॉफ़ी, विदेशी चीज़ों की कोई ज़रूरत नहीं।

  • कुछ लोग कहते हैं कि कॉफ़ी सिर्फ़ एक पेय है, पर मैं तो कहता हूँ कि यह जीवन की मौलिकता है। असली अर्थ में, कॉफ़ी हमे उस गहरी रहस्यमय ऊर्जा से जोड़ती है जो ब्रह्मांड में व्याप्त है। जब हम एक कप कॉफ़ी पीते हैं, तो हम अपने भीतर के अनंत को जाग्रत करते हैं। इस प्रकार, हर सिप में एक छोटा ब्रह्मा-यज्ञ छिपा होता है, जो हमें आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध बनाता है। यदि हम सच्चाई को समझें तो देखेंगे कि कॉफ़ी का हर बूंद दार्शनिक चिंतन का स्रोत है। इस कॉफ़ी डे पर, चलिए इस अवधारणा को अपनाते हैं और एक नई चेतना का सृजन करते हैं।

  • इंटरनेशनल कॉफी डे पर विभिन्न प्रकार की कॉफी आज़माना वास्तव में एक समृद्ध अनुभव हो सकता है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर संस्कृति की अपनी खासियत होती है और हमें उनका सम्मान करना चाहिए। आप चाहे जो भी नई ड्रिंक ट्राय करें, मूल बीन की गुणवत्ता को प्राथमिकता देना चाहिए। इस तरह से हम न केवल स्वाद में विविधता लाते हैं, बल्कि कॉफ़ी के उत्पादन में निष्पक्षता को भी बढ़ावा देते हैं।

  • मैं देख रही हूँ कि कुछ लोग कॉफ़ी के बारे में थोड़ा बहुत जानकारी दे रहे हैं, पर अक्सर वह पूरी तस्वीर नहीं प्रस्तुत करते। वास्तव में, अगर हम इस ड्रिंक को समझना चाहते हैं, तो हमें सिर्फ़ स्वाद या शैली पर नहीं, बल्कि बीन की उत्पत्ति, खेती की परिस्थितियों और उत्पादन प्रक्रिया पर भी ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, कई बार स्थानीय कॉफ़ी शॉप्स में ऐसे प्रयोग होते हैं जो बड़े ब्रांड्स की तुलना में अधिक पर्यावरण‑मित्र होते हैं। इसलिए जब आप अगले बार कोई नई कॉफ़ी ट्राय करें, तो उसका बैकग्राउंड भी चेक कर लें, इससे आपको असली आनंद मिलेगा।

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