NEHU में मातृभाषा दिवस पर गारो साहित्यिक कार्यक्रम
नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (NEHU) के तुरा कैंपस में गारो विभाग ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की रजत जयंती पर एक खास आयोजन किया। A•chik Literature Society के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम में विभिन्न साहित्यिक प्रस्तुतियाँ देखने को मिलीं। भाग लेने वालों में फैकल्टी, छात्र, शोधकर्ता, लेखक और समाज के सदस्य शामिल थे। इस आयोजन का उद्घाटन डॉ. जैकलीन आर. मार्क ने किया। उन्होंने 1999 में UNESCO द्वारा समर्थनित इस दिवस के महत्व और बांग्लादेश के भाषाई आंदोलन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में गारो साहित्य की भव्यतापूर्ण प्रस्तुति की गई, जिसमें NEHU के पूर्व छात्रों द्वारा लिखा गया कविता संग्रह चोकचिम्सा बाइट सार्वजनिक रूप से पेश किया गया। इस अवसर पर डॉ. डोकाची च. मार्क ने मार्च 2025 में भाषा दस्तावेजीकरण पर एक कार्यशाला की घोषणा भी की और A•we और Matabeng जैसे क्षेत्रों के गारो स्थानों के नामों का संकलन पेश किया।

डिजिटल युग में गारो भाषा की चुनौती और साहित्यिक उपलब्धियाँ
शोधकर्ताओं मेलकियोर च. संगमा और ग्रिपसेनग जी. ममिन ने डिजिटल गारो साहित्य के प्रसार के लिए मजबूती के साथ समर्थन जताया, और बहुभाषी डिजिटल परियोजनाओं की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम में 20 से अधिक कविताओं का पाठ किया गया, जिनमें प्रकृति, शिक्षा और गारो लोककथाओं जैसे विषय शामिल थे।
डॉ. क्रिस्टल कॉर्नेलियस डी. मार्क ने गारो साहित्य के विकास पर अपने विचार प्रस्तुत किए। वहीं, क्रिस्टिना डी. संगमा और अन्य ने सांस्कृतिक गर्व को महत्व दिया। इस आयोजन के माध्यम से, भाषा और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने की प्रबल जरूरत को रेखांकित किया गया, विशेष रूप से आधुनिक चुनौतियों के दौर में।
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