केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण से दो महीने में तीसरी मौत: कारण और उपाय

केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण से दो महीने में तीसरी मौत: कारण और उपाय

केरल में स्वास्थ्य संवेदनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि राज्य में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण के कारण दो महीने में तीसरी मौत दर्ज की गई है। कोज़िकोड जिले के रमणाट्टुकारा क्षेत्र के 12 वर्षीय लड़के, मृदुल ई पी की इस संक्रमण के कारण बुधवार को मृत्यु हो गई। इस संक्रमण को 'अमीबिक मेंनिंजोजेन्सिफैलिटिस' कहा जाता है, जो एक दुर्लभ लेकिन घातक मस्तिष्क संक्रमण है।

संक्रमण का कारण और प्रसार

स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि मृदुल ने इस संक्रमण को तालाब में तैराकी करने के दौरान प्राप्त किया। यह संक्रमण आमतौर पर गंदे या खराब तरीके से बनाए गए जल स्रोतों से फैलता है, जहां एक प्रकार का फ्री-लिविंग अमीबा पाया जाता है। यह अमीबा, जिसे 'नेगेलरिया फाउलेरी' के नाम से जाना जाता है, मस्तिष्क में प्रवेश करने के बाद भारी नुकसान कर सकता है।

यह मामला केरल राज्य में इस संक्रमण से मृत्यु का तीसरा मामला है। पिछले महीने, कन्नूर जिले की 13 वर्षीय लड़की की मृत्यु भी इसी संक्रमण के कारण हुई थी, और मई में मालापुरम के एक 5 वर्षीय बच्चे की मौत हुई थी। यह संक्रमण अत्यंत दुर्लभ है, लेकिन जब यह फैलता है, तो इसके परिणाम घातक होते हैं।

स्वास्थ्य अधिकारियों की चेतावनी

स्वास्थ्य अधिकारियों की चेतावनी

स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को तालाब, नदी और अन्य जल स्रोतों में तैरने से बचने की सलाह दी है। इसके साथ ही, स्विमिंग पूल और वाटर थीम पार्कों के संचालकों को पानी की सिरे से सफाई और उचित उपचार सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। क्योंकि यह संक्रमण पानी के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश करता है और तब मस्तिष्क पर हमला करता है।

इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, और मिर्गी के दौरे शामिल हैं। प्रारंभिक लक्षणों के बाद, यह संक्रमण तेजी से मस्तिष्क पर असर करता है और मस्तिष्क की ऊर्जा को खत्म कर देता है, जिससे बहुत तेजी से मृत्यु हो सकती है।

दूसरे संभावित मामले की रिपोर्ट

दूसरे संभावित मामले की रिपोर्ट

हाल ही में राज्य में एक और संभवतः संक्रमण का मामला भी सामने आया है। हालांकि इस पर अभी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन संदिग्ध केस ने स्वास्थ्य अधिकारियों को और भी सतर्क कर दिया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद है कि इस मामले की पूर्ण जांच के बाद, इसके रोकथाम के लिए और भी कठोर कदम उठाए जाएंगे।

रोकथाम के उपाय

संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय अपनाने पर जोर दिया गया है:

  • गंदे या संदिग्ध जल स्रोतों में तैराकी से बचें।
  • स्विमिंग पूल और वाटर पार्कों का नियमित निरीक्षण और उचित जल उपचार सुनिश्चित करें।
  • संक्रमण के लक्षण प्रदर्शित करने वाले लोगों को तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएं।
  • स्वास्थ्य शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करें।

इन उपायों के माध्यम से, राज्य स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद है कि इस दुर्लभ लेकिन घातक संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकेगा।

स्वास्थ्य जागरूकता का महत्व

स्वास्थ्य जागरूकता का महत्व

इस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए, स्वास्थ्य जागरूकता का महत्व और भी बढ़ गया है। आम जनता को इस संक्रमण के लक्षणों, उसके कारणों और उससे बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही, परिवार और समुदाय के स्तर पर स्वास्थ्य संवेदनाओं को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है।

निजी स्वच्छता का महत्व

संक्रमण से बचने के लिए निजी स्वच्छता अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वच्छ पानी का उपयोग, स्वच्छ पेयजल का सेवन, और नियमित हाथ धोने की आदतों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। विशेष रूप से बच्चों को इस संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है।

केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण के कारण उत्पन्न स्थिति हमें यह याद दिलाती है कि सार्वजनिक और निजी दोनों स्तरों पर स्वास्थ्य सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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