हमास नेता इस्माइल हानियेह की हत्या का घटनाक्रम
हमास के वरिष्ठ नेता इस्माइल हानियेह की हत्या की खबर ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। यह घटना 31 जुलाई को तेहरान में घटित हुई। हमास ने इसे 'एक विश्वासघाती यहूदी हमला' कहा है जो हानियेह के निवास पर हुआ।ईरान की क्रांतिकारी गार्ड्स ने भी इस हत्या की पुष्टि की है, जिसमें हानियेह और उनके एक अंगरक्षक की मृत्यु हुई है।
इजरायल पर शक
हमले के पीछे इजरायल का संदेह जताया जा रहा है, हालांकि अभी तक कोई भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। यह घटना हानियेह के तीन पुत्रों की हत्या के तुरंत बाद हुई है। 10 अप्रैल को गाजा में इजरायली हवाई हमले में हानियेह के तीन पुत्रों - हाज़ेम, अमीर और मोहम्मद की मौत हो गई थी। इस हमले में दो पोतों की भी मौत हुई और एक अन्य पोता घायल हो गया था।
हानियेह का राजनैतिक सफर
इस्माइल हानियेह ने 2017 से हमास के शीर्ष राजनीतिक नेता के रूप में कार्य किया। वह कतर में स्थित थे और वहीं से सभी अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक और वित्तीय ऑपरेशन्स का संचालन करते थे। इससे पहले उन्होंने हमास के गाजा शाखा का नेतृत्व किया और 2006 से 2007 तक फिलिस्तीन प्राधिकरण के प्रधानमंत्री भी रहे।
कूटनीतिक प्रयास और प्रतिबंध
हानियेह कूटनीतिक प्रयासों के लिए भी जाने जाते थे, जिन्होंने इजरायल के साथ सीजफायर डील के लिए कई बार बातचीत की। वह अमेरिका के प्रतिबंधों के तहत थे और अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय द्वारा भी उनकी तलाश की जा रही थी, हमास के साथ उनके संबंधों के चलते।
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरा प्रभाव छोड़ा है। जहां एक तरफ हमास और उनके समर्थक इस हत्या को लेकर गुस्से में हैं, वहीं इजरायल फिलहाल किसी भी बयान से बचता नजर आ रहा है। यह घटना मिली-जुली प्रतिक्रियाओं का कारण बन गई है।
हितधारकों की प्रतिक्रिया
घटना की पुष्टि के बाद से ईरान की क्रांतिकारी गार्ड्स ने भी अपना बयान जारी कर दिया है। उन्होंने इस अपराध के लिए इजरायल को ज़िम्मेदार माना है और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने का संकल्प लिया है।
इस समूचे घटनाक्रम का असर फिलिस्तीन और इजरायल के बीच उच्च तनाव को और बढ़ाने का काम कर सकता है। इससे पहले भी दोनों देशों के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है, और इस हत्या के बाद तनाव और बढ़ सकता है।
आगे क्या होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल यह घटना दोनों पक्षों के बीच नए तनाव के शुरुआत का संकेत देती है।
परिस्थितियों का प्रभाव और आगे की राह
हानियेह की हत्या को लेकर अभी भी कई सवाल उठ रहे हैं। इस घटना के बाद हमास के समर्थक और नेता, दोनों ही गुस्से में हैं और इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हो सकते हैं।
हानियेह की कूटनीतिक क्षमताओं के चलते इस घटना का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभाव पड़ सकता है। अब देखना यह है कि हमास नया नेता किसे नियुक्त करता है और वह किस तरह की रणनीति अपनाता है। इसके साथ ही, इजरायल की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होने वाली है। क्या वह इस घटना को लेकर कोई औपचारिक बयान जारी करेंगे या इस मामले को शांत रहने देंगे, यह देखना होगा।
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