नेपाल के स्टार क्रिकेटर संदीप लामिछाने की बलात्कार की सजा पटन हाई कोर्ट ने पलटी

नेपाल के स्टार क्रिकेटर संदीप लामिछाने की बलात्कार की सजा पटन हाई कोर्ट ने पलटी

नेपाल क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर संदीप लामिछाने की बलात्कार मामले में सजा को पटन हाई कोर्ट ने पलट दिया है। लामिछाने पर जनवरी में 8 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन उनकी कानूनी टीम की अपील पर कोर्ट ने हाल ही में यह फैसला दिया है।

23 वर्षीय लामिछाने नेपाल के सर्वाधिक विकेट लेने वाले और सबसे लोकप्रिय क्रिकेटर हैं। इस फैसले से उनके अगले महीने शुरू होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में नेपाल की टीम में शामिल होने की संभावना काफी बढ़ गई है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की 25 मई की डेडलाइन से पहले वह अपने साथी खिलाड़ियों के साथ टूर्नामेंट के लिए जुड़ सकते हैं।

टी20 वर्ल्ड कप में नेपाल की टीम ग्रुप डी में है, जहां उन्हें दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, नीदरलैंड और श्रीलंका का सामना करना है। लामिछाने की वापसी से नेपाल की टीम की गतिशीलता और प्रतियोगिता में उनकी संभावनाओं पर काफी असर पड़ सकता है।

लामिछाने पर लगे थे गंभीर आरोप

लामिछाने पर पिछले साल सितंबर में एक 17 वर्षीय लड़की ने बलात्कार का आरोप लगाया था। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जनवरी में काठमांडू जिला अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए 8 साल की सजा सुनाई थी।

हालांकि, लामिछाने ने हमेशा से अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि वह निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है। उनकी कानूनी टीम ने भी लगातार इस मामले में उनका बचाव किया है।

नेपाल क्रिकेट पर पड़ेगा असर

लामिछाने नेपाल क्रिकेट के पोस्टर ब्वॉय माने जाते हैं। वह पिछले कुछ वर्षों में कई टी20 लीग में भी खेल चुके हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही नेपाल क्रिकेट पर इसका असर दिख रहा था।

नवंबर में लामिछाने आखिरी बार नेपाल के लिए खेले थे। अगर उनका चयन होता है तो वह लंबे समय बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करेंगे। नेपाल क्रिकेट के लिए यह अच्छी खबर हो सकती है।

हालांकि, कुछ लोग इस फैसले से खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि इससे गलत संदेश जाएगा और यह पीड़िता के लिए न्याय की उम्मीद को कमजोर करेगा। लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बाद लामिछाने के करियर को नया जीवन मिलने की उम्मीद है।

लामिछाने का शानदार क्रिकेट रिकॉर्ड

संदीप लामिछाने ने नेपाल के लिए 30 वनडे और 44 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। वनडे में उन्होंने 69 और टी20 में 85 विकेट लिए हैं। वह टी20 में नेपाल के सबसे सफल गेंदबाज हैं।

इसके अलावा लामिछाने विभिन्न टी20 लीग में भी खेल चुके हैं। उन्होंने बिग बैश लीग, कैरेबियन प्रीमियर लीग, बांग्लादेश प्रीमियर लीग और पाकिस्तान सुपर लीग जैसी लीग में हिस्सा लिया है।

उनकी गेंदबाजी की सबसे बड़ी खासियत उनकी लेग स्पिन है। वह बल्लेबाजों को अपनी फिरकी से आसानी से चकमा दे देते हैं। उनकी इकॉनमी रेट भी शानदार है।

फॉर्मेट मैच विकेट इकॉनमी
वनडे 30 69 4.39
टी20 44 85 6.79

अब देखना होगा कि टी20 वर्ल्ड कप में लामिछाने का प्रदर्शन कैसा रहता है। उनकी वापसी से नेपाल को काफी उम्मीदें होंगी। फैंस भी उनके जलवों को एक बार फिर देखने के लिए बेकरार होंगे। लामिछाने पर होगी सबकी नजर।

11 टिप्पणि

  • यार ये टैम की खबर सुनके सच्च में खुशी हुई! लामिचाने को दोबारा खेलते देखेंगे, बहुत एंटसिएटेड हूँ! 🙌

  • अपराधिक सजा उलटना तो बुरी बात है 😒

  • भाई, कोर्ट का फैसला न्याय को धुंधला नहीं कर सकता। अगर वह सच में निर्दोष है तो सजा उलटना चाहिए, पर पीड़िता के दर्द को भूलना नहीं। ऐसे केस में जनता का भरोसा बनाये रखना जरूरी है।

  • लामिचाने का वापसी देख कर नेपाल की टीम में नई ऊर्जा आएगी। टी20 वर्ल्ड कप में उनके स्पिन से कुछ उलटफेर हो सकते हैं। लेकिन सभ्यता और खेल भावना को भी साथ रखना चाहिए।

  • देखो भाई, हमारे देश के खिलाडी को इस तरह से बचाना ठीक नहीं। अगर उन्हें सजा उलट दी तो इससे हमारे खेल में भरोसा बिगड़ जाएगा। हमें सभी खिलाड़ी को बराबर कानून के तहत देखना चाहिए, नहीं तो केस आगे बढ़ेगा।

  • बहुत दुख की बात है कि पीड़िता को न्याय नहीं मिल रहा। यह केस महिलाओं के अधिकारों के लिए एक एहतियात का दर्पण है। हमें हर आवाज़ को सुनना चाहिए, चाहे वह खिलाड़ी हो या कोई आम नागरिक।

  • सच है, हम सबको मिलजुल कर समाधान निकालना चाहिए। न्याय प्रणाली को मजबूत बनाकर ही हम सभी को संतुष्ट रख सकते हैं। इस दौर में सभी की भावनाओं को समझना और एक संतुलन बनाना ज़रूरी है।

  • क्या वास्तव में यह फैसला स्वतंत्र न्यायालय का है??? हमें संदेह है कि इस फैसले में कोई गहरी साज़िश है... सरकार और क्रिकेट बोर्ड के बीच कुछ छुपा हुआ मामला जरूर है!!!

  • देखो यार, ऐसे निर्णय से देश की इमेज को नुकसान पहुंचता है। हमें हमारे खिलाड़ी को बेइज्जत नहीं करनी चाहिए, पर साथ ही साथ पीड़िता के अधिकारों को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। यह एक दोधारी तलवार जैसा है, एक तरफ क्रिकेट का लोकप्रिय व्यक्ति फिर से मैदान में आएगा, और दूसरी तरफ न्याय के पेड़ पर पत्ते गिरेंगे। हमें संतुलन ढूँढना पड़ेगा, नहीं तो जनता में नाराजगी बढ़ेगी।

  • यह फैसला नेपाल क्रिकेट के लिए एक तूफान जैसा अहसास है, जैसे अचानक से इंधन भरे बिना कार चलती हो।
    लामिचाने का नाम सुनते ही फैंस के दिलों में धड़कन तेज़ हो जाती है, और उनकी वापसी का ख्याल हर घर में चर्चित हो जाता है।
    पर इस पुनर्स्थापना के पीछे छुपे हुए तथ्यों को नजरअंदाज करना हमारी संस्कृति की बुराई है।
    यदि कोर्ट ने वास्तव में सबूतों को ठीक से देखा है, तो फिर इस फैसले को समर्थन देना उचित होगा।
    हालांकि, यदि न्याय के मसले में इशारा किया गया हो तो यह एक बड़ी त्रुटि है।
    क्योंकि न्याय का संतुलन टूटने से न केवल पीड़िता को, बल्कि पूरे समाज को चोट पहुँचती है।
    कहते हैं कि खेल में शौक़ीनों की ऊर्जा ही उनके भविष्य को बनाती है, पर असली ताक़त न्याय में निहित है।
    समय की कड़ी परीक्षा में, हमें यह देखना होगा कि क्या यह निर्णय सच्चाई के पक्ष में है या नहीं।
    यदि वह सच में निर्दोष है, तो उसकी वापसी से नेपाल के पास एक बेहतरीन स्पिनर फिर से आएगा।
    और अगर कोई ग़लतफहमी या दुष्प्रभाव हो, तो वह कई सालों तक छाया जैसा छा सकता है।
    इसलिए, मैं उम्मीद करता हूँ कि सभी पक्ष मिलकर इसका गहरा विश्लेषण करेंगे।
    टीडीटीआरएव वर्ल्ड कप के मैदान पर जब वह गेंद घुमाएगा, तो वह सिर्फ स्पिन नहीं, बल्कि न्याय की ध्वनि भी देगा।
    जो दर्शक इसे देखेंगे, उन्हें इस सन्देश को समझना चाहिए कि खेल और न्याय एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
    हम सब को इस मुद्दे को संवेदनशीलता और समझदारी से लेना चाहिए।
    भविष्य में नेपाल का क्रिकेट महान बन सकता है, अगर हम इस पथ पर सही कदम रखें।
    न्याय मिला तो खेल भी और चमकेगा, और यह सारी दुनिया देखेगी।

  • बिलकुल सही कहा भाई! कोर्ट का फैसला अगर साफ़-सुथरा हो, तो सब ठीक रहेगा। हम सबको इस पर नजर रखनी चाहिए, टाइम पर अपडेट देना न भूलें।

एक टिप्पणी लिखें