जब निखिल चौधरी का नाम IPL 2026 ऑक्शनअबूधाबी के लिए अंतिम सूची में शामिल किया गया, तो सबको लगा कि यह एक नया भारतीय अनकैप्ड ऑलराउंडर है — जिसे पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करने वाला खिलाड़ी माना जा रहा था। लेकिन ये एक गलती थी। BCCI ने अब स्पष्ट कर दिया है: निखिल चौधरी एक विदेशी खिलाड़ी हैं। और अगर कोई टीम उन्हें खरीदती है, तो वह उसके चार विदेशी खिलाड़ियों की सीमा में शामिल होगा।
गलती कैसे हुई?
29 साल के चौधरी का जन्म दिल्ली में हुआ था। 2017 में उन्होंने पंजाब के लिए घरेलू क्रिकेट शुरू किया — दो विजय हजारे ट्रॉफी मैच और 12 टी20 मैच खेले। लेकिन 2020 के बाद से वे ऑस्ट्रेलिया में बस गए हैं। अब वे टास्मानिया के लिए शेफील्ड शील्ड में खेलते हैं, जहां हाल ही में उन्होंने एक शतक भी लगाया। उन्होंने बिग बैश लीग (BBL) में भी डीब्यू किया है — अब तक केवल दो भारतीय-मूल के खिलाड़ी इस लीग में खेल चुके हैं।
इसके बावजूद, IPL गवर्निंग काउंसिल ने उन्हें 'अनकैप्ड इंडियन ऑलराउंडर्स 5' (UAL5) कैटेगरी में रखा, जिसका बेस प्राइस ₹40 लाख था। ये गलती विस्डेन, टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स और इंडिया टुडे जैसे स्रोतों के अनुसार एक अडमिनिस्ट्रेटिव एरर थी।
क्यों नहीं हो सकता वे भारतीय खिलाड़ी?
यहां बात सिर्फ नागरिकता की नहीं है — चौधरी के पास भारतीय पासपोर्ट है। बल्कि BCCI के नियम के अनुसार, जो खिलाड़ी विदेशी लीग में खेल रहे हों, वे भारतीय घरेलू क्रिकेट में नहीं खेल सकते। ये एक तरह का 'क्लीन ब्रेक' नियम है। एक बार जब खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या अमेरिका की लीग में शामिल हो जाता है, तो BCCI उसे भारतीय टीमों के लिए अयोग्य मान लेता है।
चौधरी ने इस नियम को तोड़ा नहीं — बल्कि वह इसके बीच में फंस गए। उन्होंने भारत में अपनी घरेलू करियर बंद नहीं की, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में जाकर नया जीवन शुरू कर दिया। अब उनकी स्थिति एक नए तरह की चुनौती है: भारतीय नागरिक, भारतीय जन्म, भारतीय बैकग्राउंड, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट सिस्टम का हिस्सा।
IPL 2026 ऑक्शन: क्या बदल गया?
इस साल के ऑक्शन के लिए 1,390 खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन किया। उनमें से सिर्फ 350 को चुना गया — 240 भारतीय और 110 विदेशी। इनमें से 31 सीटें सिर्फ विदेशी खिलाड़ियों के लिए आरक्षित हैं। चौधरी का बेस प्राइस ₹40 लाख है — जो उनके अनुभव के मुकाबले काफी कम है। वे ग्लोबल सुपर लीग, मैक्स60 कैरेबियन और अबूधाबी 10 जैसी लीग्स में भी खेल चुके हैं।
अब जब उन्हें विदेशी खिलाड़ी के रूप में रखा गया है, तो टीमें उन्हें अपने चार विदेशी खिलाड़ियों के बजट में शामिल करने के लिए नए विचार करेंगी। क्या कोई टीम एक ऐसे खिलाड़ी को खरीदेगी जो घरेलू क्रिकेट में अनकैप्ड है, लेकिन विदेशी लीग में अनुभवी? ये सवाल अब टीम बॉस और एजेंट्स के लिए बड़ा है।
क्या ये सिर्फ चौधरी की गलती है?
नहीं। ये एक बड़े सवाल का प्रतीक है। दुनिया भर में ऐसे बहुत सारे भारतीय-मूल के खिलाड़ी हैं जो ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड या कैरेबियन में खेल रहे हैं — लेकिन अभी भी भारतीय पासपोर्ट रखते हैं। क्या उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका देना चाहिए? या फिर उन्हें विदेशी खिलाड़ी के रूप में ही देखना चाहिए?
इस गलती के बाद क्रिकेट विश्लेषकों की एक बड़ी बहस शुरू हो गई है। कुछ कहते हैं: "ये खिलाड़ी भारत के लिए खेलने के लिए तैयार हैं, बस उन्हें अपना रास्ता बनाना पड़ रहा है।" दूसरे कहते हैं: "अगर हम उन्हें भारतीय खिलाड़ी मान लेंगे, तो ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने वाले खिलाड़ियों को भी भारतीय टीम में शामिल करना होगा — ये नियम बर्बर हो जाएगा।"
चौधरी ने अपने रास्ते के बारे में कहा: "पंजाब से टास्मानिया तक, ये एक लंबी सवारी रही है। मेरी कहानी ये दिखाना चाहती है कि अगर आप काम करते रहें, तो कोई सपना भी बहुत दूर नहीं होता।"
अगला कदम क्या है?
अब BCCI को इस नियम को स्पष्ट करना होगा। क्या वे भारतीय नागरिकता रखने वाले खिलाड़ियों के लिए एक नया कैटेगरी बनाएंगे — जैसे 'भारतीय-मूल विदेशी' या 'ड्यूल-कैप्ड'? या फिर वे नियम को और कठोर बना देंगे?
इस ऑक्शन के बाद, शायद हम एक ऐसे खिलाड़ी को देखेंगे जो भारतीय टीम में नहीं खेल सकता, लेकिन भारतीय फैंस के दिलों में अपनी जगह बना चुका है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
निखिल चौधरी को IPL 2026 में विदेशी खिलाड़ी क्यों माना गया?
BCCI के नियम के अनुसार, जो खिलाड़ी विदेशी लीग में नियमित रूप से खेल रहे हों, उन्हें भारतीय घरेलू क्रिकेट के लिए अयोग्य मान लिया जाता है। चौधरी टास्मानिया के लिए शेफील्ड शील्ड और BBL में खेल रहे हैं, जिसके कारण उन्हें विदेशी खिलाड़ी के रूप में श्रेणीबद्ध किया गया है, भले ही उनके पास भारतीय पासपोर्ट हो।
IPL 2026 ऑक्शन में कुल कितने खिलाड़ी शामिल हैं और कितने विदेशी हैं?
IPL 2026 ऑक्शन के लिए 1,390 खिलाड़ियों में से 350 को चुना गया है — जिनमें 240 भारतीय और 110 विदेशी हैं। इनमें से 31 सीटें सिर्फ विदेशी खिलाड़ियों के लिए आरक्षित हैं, जबकि टीमें कुल 77 सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
क्या चौधरी को भारतीय टीम में चुना जा सकता है?
नहीं। भारतीय टीम के लिए खेलने के लिए खिलाड़ी को BCCI के घरेलू टूर्नामेंट्स में नियमित रूप से खेलना होता है। चौधरी ने 2020 के बाद से कोई भारतीय लीग नहीं खेली है, इसलिए वे भारतीय टीम के लिए अयोग्य हैं।
इस गलती ने BCCI के नियमों पर क्या प्रभाव डाला?
इस गलती ने BCCI के नियमों की अस्पष्टता को उजागर किया है। अब बहस ये है कि क्या भारतीय-मूल के खिलाड़ियों के लिए एक नया कैटेगरी बनाया जाए — जैसे 'ड्यूल-कैप्ड' या 'विदेशी भारतीय' — ताकि उनकी योग्यता को सही तरीके से पहचाना जा सके।
IPL में विदेशी खिलाड़ियों की सीमा क्या है?
प्रत्येक IPL टीम के XI में अधिकतम चार विदेशी खिलाड़ी हो सकते हैं। इसलिए अगर कोई टीम चौधरी को चुनती है, तो उसे अपने चार विदेशी स्थानों में से एक उन्हें देना होगा — जो उनके खरीदारी की रणनीति को बदल देगा।
क्या चौधरी ने कभी Ranji Trophy खेला है?
नहीं। चौधरी ने कभी रणजी ट्रॉफी में खेला नहीं है। उन्होंने केवल पंजाब के लिए दो विजय हजारे ट्रॉफी मैच और 12 टी20 मैच खेले हैं। अब वे ऑस्ट्रेलिया में शेफील्ड शील्ड में अपना पहला फर्स्ट-क्लास मैच खेलने वाले हैं।
1 टिप्पणि
ये तो बस एक गलती नहीं, बल्कि एक सिस्टम की फेल्योर है। भारतीय पासपोर्ट है, भारतीय बैकग्राउंड है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में खेल रहे हो तो विदेशी? ये नियम तो बिल्कुल फिक्स्ड हो गया है।
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