उत्तर प्रदेश बारिश: मौसम, बाढ़ और किसानों की जिंदगी
जब उत्तर प्रदेश बारिश, भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में होने वाली वर्षा जो खेती, बाढ़ और जनजीवन को सीधे प्रभावित करती है बढ़ जाती है, तो ये सिर्फ बादल नहीं आते — ये जिंदगी बदल जाती है। किसान अपनी फसलों को देखते हैं, शहर के लोग सड़कों पर पानी में फंसे होते हैं, और गाँवों में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। ये बारिश किसी आम मौसम नहीं, बल्कि एक ऐसी ताकत है जो राज्य के हर इंसान की दिनचर्या को निर्धारित करती है।
यहाँ की बारिश का असर सिर्फ खेतों तक ही सीमित नहीं। बाढ़, उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना की नदियों के किनारे आने वाला एक नियमित, लेकिन नुकसानदायक घटनाक्रम लाखों लोगों के घर बर्बाद कर देती है। 2024 में गोरखपुर और बलिया में बाढ़ ने 20 लाख एकड़ खेती की जमीन को डुबो दिया। किसानों के पास अब न तो बीज हैं, न खाने के लिए अनाज, और न ही बैंक से ऋण लेने का विकल्प। बारिश के बाद जो आती है, वो बाढ़ नहीं, बल्कि निराशा होती है।
किसान, उत्तर प्रदेश की आबादी का लगभग दो-तिहाई हिस्सा जो बारिश के आधार पर अपनी जिंदगी चलाता है अब सिर्फ बारिश का इंतजार नहीं करता — वो बारिश के बाद की लड़ाई लड़ता है। जब बारिश बहुत हो जाती है, तो खेत बर्बाद हो जाते हैं। जब बारिश नहीं होती, तो नहरें सूख जाती हैं। और जब बारिश अचानक बंद हो जाती है, तो बाजार में दालों और गेहूँ की कीमतें आसमान छू लेती हैं। ये वो चक्र है जिसे कोई नहीं रोक पाता।
उत्तर प्रदेश की बारिश अब पुराने तरीकों से नहीं आ रही। बरसात के समय बदल रहे हैं। जहाँ पहले जुलाई में बारिश शुरू होती थी, वहीं अब जून के पहले हफ्ते में ही बादल घिर जाते हैं। और जब बारिश होती है, तो ये तूफान के रूप में आती है — एक दिन में पूरे महीने की बारिश एक साथ गिर जाती है। ये नया अंदाज़ न सिर्फ किसानों के लिए, बल्कि शहरों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया है।
यहाँ आपको ऐसी ही कहानियाँ मिलेंगी — जहाँ बारिश के बाद गाँव का एक लड़का स्कूल कैंटीन में खाना खाने नहीं पहुँच पाया, जहाँ एक किसान ने अपनी फसल बचाने के लिए खुद को बाढ़ के पानी में डुबो दिया, और जहाँ एक बरसात के बाद एक गाँव के सभी बच्चे एक ही दिन बीमार पड़ गए। ये सब असली घटनाएँ हैं, जिनका जिक्र कोई खबर में नहीं करता।
साइक्लोन मोंथा का असर: मिर्जापुर-वाराणसी में 30 अक्टूबर को भारी बारिश की चेतावनी
- 在 : Karthik Rajkumar Kannan
- दिनांक : अक्तू॰ 30 2025
साइक्लोन मोंथा के अवशेष उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और वाराणसी विभागों में 30 अक्टूबर को भारी बारिश लाने की चेतावनी जारी की गई है, जिससे बिहार और झारखंड में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।