ब्रेन-ईटिंग अमीबा (Naegleria fowleri) — जानें और बचें

ब्रेन-ईटिंग अमीबा सुनकर डर लगेगा, पर जानकारी होने से आप सुरक्षित रह सकते हैं। यह एक दुर्लभ पर बेहद गंभीर संक्रमण है, जो आमतौर पर गर्म ताजे पानी (नहानों, झीलों, गर्म पानी वाले नालों) में नाक से पानी जाने पर होता है। शरीर पानी पीने से नहीं बल्कि नाक के जरिए सीधा दिमाग की तरफ पहुंचने वाले नर्व तंत्र को प्रभावित करने से संक्रमित होता है।

लक्षण और संक्रमण का समय

संक्रमण के बाद लक्षण आम तौर पर 1 से 7 दिन के अंदर दिखने लगते हैं। शुरुआत में सिर दर्द, बुखार, मतली और उल्टी हो सकती है। कुछ ही दिनों में गर्दन में अकड़न, संवेदनशीलता, भ्रम, झटके (seizures), और तेजी से बिगड़ती चेतना/बेहोशी जैसी गंभीर स्थितियाँ आ सकती हैं। अगर किसी को हाल ही में गर्म ताजे पानी में नहाने या डाइविंग करने के बाद तेज सिरदर्द और बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें—समय here बहुत मायने रखता है।

रोकथाम — सरल और प्रभावी कदम

सबसे अच्छी बात यह है कि बचाव आसान है। कुछ व्यावहारिक सलाह:

- गर्म ताजे पानी (झील, नदी, तालाब) में सिर पूरी तरह डुबोकर नाहें, और डाइविंग से बचें।

- अगर वहाँ नहाना ही है तो नाक में पानी जाने से रोकने के लिए नोज क्लिप (nose clip) पहनें।

- पूल और वाटर पार्क में सुरक्षा: केवल अच्छी तरह क्लोरीनेटेड और नियमित रूप से मेंटेन किए गए पानी में ही नाहें।

- नेटि पॉट या साइनस रिंसिंग के लिए कभी भी नलों का सीधा पानी न इस्तेमाल करें। उपयोग से पहले पानी को उबालें (कम से कम 1 मिनट तक उबालें, ऊँचाई पर ज़्यादा समय) और फिर ठंडा करके इस्तेमाल करें, या स्टेराइल/बॉतल वाला पानी लें।

- बच्चों की निगरानी करें—वे खेलते समय ज्यादा पानी निगल या नाक में डाल लेते हैं।

यह भी याद रखें कि यह संक्रमण बहुत ही दुर्लभ है। लेकिन अगर संदिग्ध एक्सपोजर के बाद तेज और अचानक से बिगड़ने वाले लक्षण दिखें तो हिचकिचाएँ नहीं।

डायग्नोसिस आमतौर पर अस्पताल में होता है—डॉक्टर सीएसएफ (स्पाइनल टैप) की जांच, CT/MRI और माइक्रोस्कोपिक टेस्ट कराते हैं। इलाज मुश्किल है और समय पर शुरू करना जरूरी है। पारंपरिक दवाइयों में एम्फोटेरिसिन B (Amphotericin B) का इस्तेमाल रहा है और कुछ मामलों में मिल्टेफोसीन (miltefosine) जैसे दवाओं के साथ संयोजन भी आजमाया गया है। इलाज के बावजूद यह बीमारी खतरनाक रहती है, इसलिए रोकथाम पर जोर दें।

अंत में, छोटा सा व्यवहार—नाक में पानी जाने से रोकें, साफ पानी का उपयोग करें, और यदि किसी को संक्रमण के लक्षण दिखें तो तुरंत नज़दीकी इमरजेंसी में पहुँचें। जानकारी से ही आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सकते हैं।

केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण से दो महीने में तीसरी मौत: कारण और उपाय

केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण से दो महीने में तीसरी मौत: कारण और उपाय

केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण के कारण दो महीने में तीसरी मौत दर्ज की गई है। 12 वर्षीय मृदुल ई पी की मौत के बाद राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने पानी से जुड़े स्थानों पर सावधानी बरतने की सलाह दी है। संक्रमण के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, और मिर्गी के दौरे शामिल हैं।