साइक्लोन मोंथा: भारत के तटीय क्षेत्रों पर प्रभाव और तैयारी
साइक्लोन मोंथा एक साइक्लोन, एक शक्तिशाली घूर्णन तूफान जो उष्णकटिबंधीय समुद्रों से उत्पन्न होता है और तेज हवाओं, भारी बारिश और बाढ़ के साथ तटीय क्षेत्रों को नष्ट कर देता है था, जिसने 2025 में भारत के पश्चिमी तट को भारी नुकसान पहुँचाया। इसकी तीव्रता और गति ने महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिणी मध्य प्रदेश के करीब 15 जिलों में लाखों लोगों को प्रभावित किया। इस तूफान को मौसम विज्ञान, तूफानों के उत्पादन, गति और प्रभाव का अध्ययन करने वाला विज्ञान विभाग ने उसके निर्माण से ही निगरानी की थी, जिससे लोगों को आगे से सचेत किया जा सका। आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए भारतीय तट, समुद्र के किनारे बसे ऐसे क्षेत्र जहाँ तूफानों का सीधा प्रभाव पड़ता है और जहाँ बचाव योजनाएँ सबसे ज्यादा ज़रूरी होती हैं पर विशेष ध्यान दिया गया।
साइक्लोन मोंथा ने सिर्फ हवाओं के ज़रिए नुकसान नहीं किया—इसके साथ आई बारिश ने नदियों को बाढ़ में बदल दिया, जिससे गाँवों के रास्ते डूब गए और बिजली के खंभे गिर गए। कई जगहों पर लोगों को अपने घर छोड़कर आश्रय स्थलों पर जाना पड़ा। राज्य सरकारों ने आपातकालीन प्रतिक्रिया, तूफान या बाढ़ जैसी आपदाओं के दौरान जीवन और संपत्ति बचाने के लिए तैयार की गई योजनाएँ और एजेंसियाँ के तहत राहत कर्मचारियों, ड्रोन और बचाव टीमों को तैनात किया। नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) ने लगभग 2,500 लोगों को बचाया, और एयर फोर्स ने खाद्य, पानी और दवाइयाँ उड़ाकर अकेले इलाकों तक पहुँचाईं। इसके बाद, जब तूफान शांत हुआ, तो राहत और पुनर्निर्माण का काम शुरू हुआ।
इस साइक्लोन के बाद, भारत में तूफानों के लिए तैयारी के नए नियम बनाए गए। अब हर तटीय जिले में अलर्ट सिस्टम और अपने स्तर पर बचाव योजना होनी जरूरी है। लोगों को अब सिर्फ घर बंद करना नहीं, बल्कि आपातकालीन सामग्री जैसे पानी, बैटरी, दवाइयाँ और ज़रूरी कागजात तैयार रखने की सलाह दी जाती है। यहाँ आपको उन पोस्ट्स मिलेंगी जो साइक्लोन मोंथा के दौरान हुए घटनाक्रम, बचाव के तरीके, और उसके बाद के पुनर्निर्माण के कामों को विस्तार से बताती हैं। ये लेख आपको बताएँगे कि कैसे एक तूफान जीवन बदल देता है, और कैसे तैयारी से उसके नुकसान को कम किया जा सकता है।
साइक्लोन मोंथा का असर: मिर्जापुर-वाराणसी में 30 अक्टूबर को भारी बारिश की चेतावनी
- 在 : Karthik Rajkumar Kannan
- दिनांक : अक्तू॰ 30 2025
साइक्लोन मोंथा के अवशेष उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और वाराणसी विभागों में 30 अक्टूबर को भारी बारिश लाने की चेतावनी जारी की गई है, जिससे बिहार और झारखंड में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।