संक्रमण — क्या है और कैसे पहचानें
संक्रमण मतलब शरीर में कोई बीमारी फैलने वाली चीज़ — जैसे वायरस, बैक्टीरिया, फंगस या परजीवी — का आना। अक्सर शुरुआत मामूली फीवर, थकान या किसी अंग में दर्द से होती है। लेकिन हर दर्द या बुखार संक्रमण नहीं होता। इसलिए जल्दी पहचान जरूरी है ताकि सही इलाज मिल सके और यह दूसरों तक न फैले।
संक्रमण कैसे फैलते हैं
संक्रमण के मुख्य रास्ते सरल होते हैं और आप इन्हें समझकर बचाव कर सकते हैं:
- सीधे संपर्क: किसी संक्रमित व्यक्ति को छूने या उसके इस्तेमाल की चीज़ें साझा करने से।
- हवा/ड्रॉपलेट्स: खांसने या छींकने पर निकले छोटे बूंदों से।
- जल और भोजन: गंदा पानी या अधपका खाना खाने से कुछ संक्रमण होते हैं।
- किट-पतंगे और जानवर: मच्छर या किरकिरी के काटने से भी कुछ बीमारियाँ फैलती हैं।
प्रमुख रोकथाम के तरीके
रोकथाम आसान और असरदार हो सकती है। कुछ काम रोज़ कर लें:
- बार-बार हाथ धोएं: कम से कम 20 सेकंड साबुन और पानी से, खासकर खाने से पहले और टॉयलेट के बाद।
- मास्क और दूरी: भीड़ में या बुखार-खांसने वाले लोगों के पास मास्क लगाएं और 1 मीटर की दूरी रखें।
- साफ-सफाई: घर में टेबल, दरवाज़े के हैंडल और मोबाइल आदि नियमित रूप से डिसइन्फेक्ट करें।
- टीकाकरण: उपलब्ध वैक्सीन समय पर लगवाएं — यह गंभीर संक्रमण से बचाती है।
- खाना-पीना सुरक्षित रखें: उबला पानी पिएं और अच्छे से पका खाना ही खाएं।
- वेंटिलेशन: घर और कमरों में हवा आने दें। बंद कमरों में संक्रमण तेजी से फैलता है।
घर पर किसी संक्रमित सदस्य की देखभाल करते समय अलग बर्तन, तौलिए और बिस्तर का उपयोग करें। यदि संभव हो तो संक्रमित को अलग कमरे दें और मास्क पहनाने की सलाह दें।
कब डॉक्टर को दिखाएं
हर बुखार पर घबराने की जरूरत नहीं, पर यह संकेत ध्यान दें:
- तेज बुखार जो 48 घंटे में न गिरे।
- साँस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द या तेज कमजोरी।
- चेहरे का रंग बदलना, चक्कर आना, बेहोशी या लगातार उल्टी।
- शिशु (बच्चे) या बुजुर्ग में अचानक बिगड़ती हालत।
इन संकेतों पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वास्तविक इलाज और समय पर दवा संक्रमण को गंभीर होने से रोकती है।
अंत में एक छोटा चेकलिस्ट: हाथ धोना याद रखें, खांसते समय कोहनी से ढकें, संक्रमित से दूरी रखें, वैक्सीन समय पर लें और किसी भी गंभीर लक्षण पर डॉक्टर से मिलें। घरेलू नुस्खे आराम दे सकते हैं पर डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक या मजबूत दवाएं न लें। सुरक्षित रहने में आपकी छोटी आदतें बड़े फर्क लाती हैं।
केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण से दो महीने में तीसरी मौत: कारण और उपाय
- 在 : Karthik Rajkumar Kannan
- दिनांक : जुल॰ 5 2024
केरल में ब्रेन-ईटिंग अमीबा संक्रमण के कारण दो महीने में तीसरी मौत दर्ज की गई है। 12 वर्षीय मृदुल ई पी की मौत के बाद राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने पानी से जुड़े स्थानों पर सावधानी बरतने की सलाह दी है। संक्रमण के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, और मिर्गी के दौरे शामिल हैं।