जब करवा चौथ 2025 का दिन आएगा, तो पूरे उत्तर भारत में विवाहित स्त्रियों का सवेरा से लेकर चाँद तक का उपवास एक ही धड़कन से जुड़ जाएगा। इस साल यह पवित्र त्यौहार जुलाई 10, 2025 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा, और विभिन्न डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर लाइव कुंडली‑समय की सूचनाएँ दोगुनी आगाह कर रही हैं। प्रमुख स्रोत जैसे ड्रिक पंचांग और रिपब्लिक टीवी ने मौजूदा समय‑निर्धारण को कई मिनट की सटीकता के साथ प्रकाशित किया है, जिससे प्रत्येक घर में पूजा‑पाठ का सही समय तय हो सके।
करवा चौथ 2025 का इतिहास और पौराणिक महत्व
करवा चौथ की जड़ें प्राचीन ग्रंथों में मिलती हैं, जहाँ रानी वीरावती की अडिग भक्ति ने अपने पति की जान बचाने की कथा बताई जाती है। इस कथा के आधार पर, पूर्वी भारत में विशेषकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में यह त्यौहार सदियों से प्रसारित है। आजकल, यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक बन चुका है।
जैपुर में उपवास‑समय और चंद्रउदय की सटीकता
ड्रिक पंचांग के अनुसार, जयपुर में जैपुर का उपवास 06:24 AM से शुरू होकर 08:23 PM तक चलता है, कुल 14 घंटे का निरजला (बिना पानी) व्रत। उसी दिन चाँद का उदय 08:23 PM IST पर दर्ज किया गया, जबकि बुकमायपूजाऑनलाइन.कॉम ने लगभग 08:28 PM बताये हैं। इनमें पाँच‑छह मिनट का अंतर विभिन्न खगोलीय गणनाओं और स्थानीय अक्षांश‑देशांतर के कारण आता है।
अमृतसर में वही दिन चाँद 08:14 PM पर उभरा, जैसा कि टाइम्स नाउ ने 18:33 IST पर लाइव अपडेट दिया। इसी दौरान, एनडीटीवी ने कहा कि पूरे भारत में पूजा विंडो 05:57 PM‑07:11 PM के बीच होगी, जिससे महिलाएं सामूहिक विधि के साथ सूर्यास्त के बाद अपना सर्जी (सर्गी) खा कर उपवास आरम्भ करती हैं।
- उपवास की शुरुआत: 06:12 AM (सर्जी ग्रहण)
- पूजा समय: 05:57 PM‑07:11 PM
- जैपुर चंद्रउदय: 08:23 PM (ड्रिक पंचांग)
- अमृतसर चंद्रउदय: 08:14 PM (टाइम्स नाउ)
- व्रत अवधि: 14 घंटे (जैपुर)
देश भर में लाइव कवरेज और प्रमुख स्रोत
रिपब्लिक टीवी ने अपने प्रमुख एंकर अर्नब गोस्वामी के नेतृत्व में #KarwaChauth2025 टैग के साथ दिल्ली, मुंबई, नोएडा, गुड़गांव, लखनऊ, जयपुर, चंडीगढ़, अहमदाबाद, पटना, भोपाल जैसे शहरों की चाँद‑उदय टाइमिंग को रीयल‑टाइम में प्रसारित किया। टाइम्स ऑफ इंडिया ने इसे "विवाहित हिन्दू महिलाओं के बीच सबसे प्रिय त्यौहार" कहा, और बताया कि महिलाएँ पारम्परिक दुल्हन‑सी लिबास, मेंहदी और समूह प्रार्थना में भाग लेती हैं।
इन सभी स्रोतों ने एक सामान्य संचार संदेश दिया – जल‑विहीन व्रत, सर्गी का सेवन, और शाम को छलनी या दुपट्टा से चाँद देखना। यह आँकड़े दर्शाते हैं कि तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म और पारम्परिक मान्यताएँ अब एक ही ताल में धड़क रही हैं।

समाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
करवा चौथ का आज का स्वरूप सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि महिलाओं के बीच सामाजिक एकजुटता का शानदार मंच है। रिवाज के अनुसार, सर्गी अक्सर सास‑ससुर द्वारा तैयार किया जाता है, जिससे पीढ़ियों के बीच कनेक्शन बनता है। इसके अलावा, इस दिन का उपवास निरजला रूप में होने के कारण महिलाओं में आत्म‑नियंत्रण और आध्यात्मिक शुद्धि की भावना को बढ़ावा मिलता है।
शहरों में बड़े‑बड़े मॉल और शॉपिंग सेंटर भी विशेष काउंटर स्थापित कर रहे हैं, जहाँ महिलाओं को सर्गी, आभूषण और पारम्परिक कपड़े उपलब्ध होते हैं। इस आर्थिक पहलू ने स्थानीय व्यापारियों को भी एक नई बिक्री‑वृद्धि का अवसर दिया।
आगे क्या उम्मीदें?
भविष्य में, डिजिटल‑ड्राइवेन समय‑संचार को और तेज़ किया जाएगा। इस साल ड्रिक पंचांग ने API‑आधारित लाइव टाइमिंग उपलब्ध करवाई है, जिससे मोबाइल एप्लिकेशन पर वास्तविक‑समय में चंद्रउदय का अपडेट मिल सकेगा। वहीं, रिपब्लिक टीवी जैसे नेटवर्क ने दर्शकों से अनुरोध किया है कि वे अपने स्थानीय मंदिर या सामुदायिक केंद्र में होने वाली विस्तृत पूजा‑विचारों को सशक्त बनाएं।
कुल मिलाकर, करवा चौथ 2025 न केवल एक पारम्परिक त्यौहार, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी बदलावों का मिश्रण होगा। यदि आप इस पवित्र दिन को सही समय पर मनाना चाहते हैं, तो ऊपर दी गई टाइमिंग और लाइव कवरेज का उपयोग करके अपने व्रत‑रितु को सहज और सटीक बना सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
करवा चौथ 2025 का प्रमुख समय किसे प्रभावित करता है?
मुख्यतः उत्तर भारत के विवाहित महिलाएँ इस दिन सवेरा से चाँद तक उपवास रखती हैं। खासकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में इसका सामाजिक‑धार्मिक महत्व बहुत बड़ा है, जहाँ सर्गी, पूजा और चाँद‑देखना प्रमुख रिवाज़ होते हैं।
जैपुर में चंद्रउदय का सटीक समय क्या है?
ड्रिक पंचांग के अनुसार 10 अक्टूबर 2025 को जयपुर में चंद्रउदय 08:23 PM IST पर दर्ज किया गया है। बुकमायपूजाऑनलाइन.कॉम ने थोड़ा देर कर 08:28 PM बताया है, पर दोनों स्रोत वैध हैं क्योंकि विभिन्न गणना‑पद्धतियों में पाँच‑छह मिनट का अंतर सामान्य है।
कौन‑से चैनल लाइव कवरेज दे रहे हैं?
रिपब्लिक टीवी, टाइम्स नाउ, एनडीटीवी, टाइम्स ऑफ इंडिया और बुकमायपूजाऑनलाइन.कॉम सभी ने इस वर्ष करवा चौथ के चंद्रउदय और पूजा‑समय को रीयल‑टाइम में प्रसारित किया है। प्रत्येक प्लेटफ़ॉर्म पर अलग‑अलग शहरों की टाइमिंग उपलब्ध है, जिससे दर्शक स्थानीय समय के अनुसार तैयार हो सकते हैं।
उपवास के दौरान कौन‑सी विशेष रीतियों का पालन करना चाहिए?
सर्वप्रथम सवेरा से पहले सर्गी (भोजन) लेना अनिवार्य है, फिर निरजला व्रत शुरू होता है। शाम को 5:57‑7:11 PM के बीच पूजा‑मंत्र पढ़े जाते हैं, और चाँद उगते ही छलनी या दुपट्टा से चाँद देख कर पानी‑खाना के साथ व्रत तोड़ा जाता है। इन सभी चरणों का क्रमिक पालन ही व्रत के सही लाभ को सुनिश्चित करता है।
क्या करवा चौथ का आर्थिक प्रभाव भी दिखता है?
हां, इस दिन की शॉपिंग‑स्प्रिंट से कपड़े, आभूषण, ब्यूटी‑प्रोडक्ट्स और सर्गी की मांग में तेज़ी से वृद्धि होती है। कई मॉल और ऑनलाइन स्टोर्स विशेष ऑफ़र्स लाकर इस त्यौहार को आर्थिक रूप से भी फायदेमंद बनाते हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों को अतिरिक्त आय प्राप्त होती है।
13 टिप्पणि
वाह! करवा चौथ की टाइमिंग देख कर दिल खुश हो गया!!! जयपुर में चाँद का उदय 08:23 PM पर है, और कुछ साइट्स 08:28 PM बताती हैं, तो व्रत शुरू होने से पहले एक बार दोबारा चेक कर लेना चाहिए; सभी गणनाएँ समान हो तो पूजा भी सही होगी; स्थानीय समय के हिसाब से सभी महिलाएँ एक साथ सर्गी खाएँगी; इस साल डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की मदद से सटीकता बढ़ी है, जिससे कोई भी देर नहीं करेगा; तो चलिए, इस विशेष दिन को पूरी श्रद्धा से मनाते हैं!!!
करवा चौथ का समय हर साल थोड़ा बदलता रहता है मैं समझती हूँ इस साल की जानकारी काफी स्पष्ट है सभी को शुभकामनाएँ
करवा चौथ के दृश्य हमेशा रंग-बिरंगे होते हैं 🌙✨ सवेरा से सर्गी, शाम को चाँद देखना, सब कुछ दिल को छू जाता है 😊 आपका पोस्ट बहुत उपयोगी है, धन्यवाद 🙏
इब्ब चीज़े कन्फुजिंग है!! टाइमिंग कउन बतायो? ड्रिक पंचांग तो सही बोलै स, बाकि बुकमायपुजा कछु उलझन में फँसा रहे!! जल्दी से सही टाइम बताए बटे!
करवा चौथ सिर्फ़ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, यह भारतीय महिलाओं की सामूहिक शक्ति का प्रतिक है। इस दिन सवेरा से लेकर चाँद उगते तक निरजला व्रत रखना एक बड़ी परीक्षा है। इतिहास में रानी वीरावती की कथा इस त्यौहार को एक नई भावना देती है। आज भी कई घरों में यह कथा सुनाई जाती है और पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। डिजिटल युग में लोग अब मोबाइल एप्स और लाइव टाइमनिंग पर भरोसा करते हैं। ड्रिक पंचांग और बुकमायपूजा दोनों स्रोत थोड़ी‑थोड़ी फरक दिखाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम गड़बड़ी करेंगे। वास्तव में पाँच‑छह मिनट का अंतर खगोलीय गणनाओं में सामान्य है। जयपुर में चाँद उगने का समय 08:23 PM बताया गया, जबकि अन्य प्लेटफ़ॉर्म 08:28 PM दिखाते हैं। यह छोटी‑सी उस अंतर को ध्यान में रखकर हमें पूजा की तैयारी करनी चाहिए। सर्गी का सेवन सुबह जल्दी करना चाहिए, ताकि ऊर्जा बनी रहे। सवेरा के बाद व्रत शुरू करने के बाद, दिन भर घर की कामकाज करना होता है, जिससे ध्यान भटकता नहीं। शाम को जब सूर्यास्त के बाद पूजा का समय आता है, तो सभी महिलाएँ मिलकर मंत्रोच्चार करती हैं। इस दौरान सामुदायिक भावना और आपसी समर्थन बहुत बढ़ जाता है। चाँद देख कर व्रत तोड़ने की प्रक्रिया भी बहुत मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालती है, क्योंकि यह एकजुटता का प्रतीक है। आर्थिक रूप से भी यह त्यौहार बाजार में नई लहर लाता है, क्योंकि सर्गी, कपड़े और आभूषण की मांग बढ़ जाती है। अंत में, करवा चौथ का सच्चा मतलब है अपने पति की सुरक्षा और अपने परिवार की खुशहाली की कामना, जिसे हम सभी मिलकर मनाते हैं।
बहुत बढ़िया जानकारी, धन्यवाद! यह विवरण वास्तव में मददगार है।
करवा चौथ के सांस्कृतिक महत्व को समझना जरूरी है, क्योंकि यह सिर्फ़ आध्यात्मिक नहीं बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। इस त्यौहार में महिलाएँ अपनी विरासत को जीवित रखती हैं, और साथ ही आर्थिक रूप से भी बाजार को सुदृढ़ करती हैं। विभिन्न स्रोतों की समय-सूचनाओं की तुलना करने से हमें अधिक सटीकता मिलती है, जिससे कोई भी त्रुटि नहीं होती।
ये सब कन्फेडरशन नहीं है, सरकार की डिजिटल एजेंडा में करवा चौथ को भी शिपिंग कोड में डाल दिया है, जो कि नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। सच्चाई तो यही है कि टाइमिंग को बदलकर लोगों को विज्ञापन दिखाया जाता है।
हर साल करवा चौथ हमें धैर्य और समर्पण सिखाता है! इस वर्ष भी हम सब मिलकर इस पवित्र रिवाज को उत्साह के साथ निभाएँ और अपने परिवार को खुश रखें।
हूँ, बहुत ही प्रेरणादायक, जैसे हर कोई पहले से ही जानता है।
सिर्फ़ एक शब्द में कहना है, अच्छा है।
करवा चौथ में सटीक चाँद उठने का समय जानना आवश्यक है; इसलिए आधिकारिक पंचांग और स्थानीय सरकारी कैलेंडर दोनों को देखना चाहिए। टाइमिंग में अंतर को अनदेखा करके व्रत नहीं तोड़ना चाहिए।
वास्तव में, हर छोटी‑बड़ी जानकारी का महत्व है-धन्यवाद आपके विस्तृत विवरण के लिए! 🙌
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