जब Mithun Manhas, पूर्व दिल्ली टीम कप्तान और भारतीय ने BCCI अध्यक्ष पद की शपथ ली, तो देशभर में उत्साह की लहर दौड़ गई। यह घोषणा भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की सालाना आमसभा में रविवार, 28 सितंबर 2025 को हुई। शाम के करीब, दुबई में होने वाले एशिया कप 2025 फ़ाइनल की धूमधाम के बीच, यह ख़बर क्रिकेट प्रेमियों के बीच अतिरिक्त उत्साह का कारक बन गई।
पृष्ठभूमि: BCCI अध्यक्षता का इतिहास
BCCI ने पहले केवल दो पूर्व खिलाड़ियों को ही अध्यक्ष के रूप में चुना था – सबसे पहले सौरव गांगुली (2019‑2022) और बाद में रॉजर बिन्नी (2022‑अगस्त 2025)। बिन्नी ने अगस्त 2025 में अपने कार्यकाल को समाप्त किया, जिसके बाद राजीव शुक्ला ने अंतरिम अध्यक्षता संभाली। अब Mithun Manhas के आगमन से यह तीनवाँ उदाहरण बन रहा है जहाँ एक पूर्व खिलाड़ी बोर्ड की शीर्षस्थ पद पर बैठा है।
नए अध्यक्ष Mithun Manhas की प्रोफ़ाइल
भादरवह (डोदा) जिले के इस प्रदेश‑जिले के रहने वाले Manhas ने प्रथम श्रेणी में दिल्ली के लिए कई साल तक गेंदबाज़ी‑बल्लेबाज़ी की दोहरी भूमिका निभाई। 2004‑2005 में उन्होंने दिल्ली को रन्नी कप जीताने में अहम योगदान दिया और 2011 में उन्होंने जगत‑पुरुषों के बीच सेवानिवृत्ति का फैसला किया।
“जम्मू‑कश्मीर के बेटे के रूप में, देश के सबसे बड़े खेल संस्थान का नेतृत्व करने का अवसर मेरे लिये सम्मान से कम नहीं,” Manhas ने AGM के बाद एक निजी बातचीत में कहा। इस बयान में स्पष्ट रूप से उनका क्षेत्रीय गर्व झलकता है, जो कई समाचार मंचों पर व्यापक चर्चा का कारण बना।
AGM में हुए चुनाव और पदों का पुनर्नियोजन
28 सितंबर को आयोजित AGM में सिर्फ अध्यक्ष पद ही नहीं, बल्कि कई प्रमुख पदों पर पुनःनिर्वाचन हुआ। राजीव शुक्ला को उपाध्यक्ष के रूप में पुनः चुना गया, जबकि देवजित सैकिया को सचिव के रूप में पुनः स्थापित किया गया। खाज़ा ए. रघुराम भट इस समय भी ख़जानेदार (Treasurer) के पद पर बने रहे। IPL चेयरमैन अरुण सिंह धूमाल ने भी अपनी स्थिति कायम रखी।
इन सभी में एक चीज़ समान रही – सभी को वेतन नहीं, बल्कि दैनिक भत्ते और विस्तृत खर्च‑भुगतान का पैकेज दिया गया।
Asia Cup 2025 के साथ समयसंगत घटनाएँ
इसी दिन दुबई में Asia Cup 2025दुबई का फाइनल भारत‑विपक्षी पाकिस्तान के बीच आयोजित हुआ। यह पहला ऐसा फाइनल था जहाँ दोनों प्रतिद्वंद्वी देशों की टीमें एक ही मैदान पर मिलें, और स्टेडियम पूरी तरह भरपूर था।
हालाँकि, BCCI के कई उच्चाधिकारी, जिसमें नए अध्यक्ष भी शामिल हैं, ने इस मैच को व्यक्तिगत रूप से नहीं देखा। बोर्ड की नीति के तहत वे PCB के मुख्य—मोहीसिन नवाज़ (जिन्हें एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के चेयर भी कहा जाता है) के साथ कोई सीधा संपर्क नहीं बनाते। यह कदम पहले ग्रुप‑स्टेज और सुपर‑4 मैचों में भी दिखा गया था।
वित्तीय विवरण और पद का स्वरूप
नए अध्यक्ष को कोई स्थिर वेतन नहीं मिलेगा; इसके बजाय, घरेलू बैठकों में ₹40,000 प्रतिदिन का भत्ता और अंतरराष्ट्रीय मीटिंग्स में US$1,000 (लगभग ₹89,000) प्रतिदिन दिया जाएगा। यह राशि अन्य शीर्ष पदधारकों—जैसे कि सचिव और ख़जानेदार—के समान है। इसके अलावा, यात्रा, आवास और कई प्रीमियम सुविधाएँ भी प्रदान की जाएँगी, जिससे पद का राजस्व‑मूल्यांकन पारदर्शी हो सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के भत्ते प्रणाली से BCCI के प्रशासनिक ढाँचे में पेशेवरता और जवाबदेही दोनों को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, कुछ आलोचक कहते हैं कि इससे उच्च‑स्तरीय पदों को ‘पारिश्रमिक‑आधारित’ पद नहीं माना जाना चाहिए।
भविष्य की संभावनाएँ और चुनौतियाँ
Manhas की अध्यक्षता का समय भारतीय क्रिकेट के कई बड़े मोड़ से घनिष्ठ रूप से जुड़ा है—जैसे कि IPL की नई टीमों का विस्तार, महिला क्रिकेट में निवेश, और विश्व कप 2027 की संभावित मेजबानी। उनका प्राथमिक लक्ष्य बोर्ड की मौजूदा वित्तीय शक्ति को संतुलित रखना और युवा प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर उतार‑चढ़ाव‑रहित मंच देना है।
राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह एक ‘जोरदार’ मोमेंट है। जम्मू‑कश्मीर के डोडा जिले से आए इस नई नेतृत्व के कारण, केंद्र सरकार की उस दिशा को भी संकेत मिलता है जहाँ खेल के माध्यम से क्षेत्रीय विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। संघ राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने X (पहले Twitter) पर इस घटना को “इतिहास में एक सुनहरी शाम” कहा और कहा: “डोडा के इस बेटे ने राष्ट्रीय स्तर पर गौरव लेकर आया है, और साथ ही कश्मीर की बेटी शीटल ने विश्व चैंपियनशिप जीतकर हमें गौरवान्वित किया है।’”
उपर्युक्त सारे पहलुओं को देखते हुए, बचे हुए समय में Manhas को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैलेंडर, घरेलू लीगों के स्वरूप और BCCI के अनुशासनात्मक संरचना को पुनर्स्थापित करना होगा। अगर वह इस चुनौती को सही ढंग से संभाल लेते हैं, तो भारत की क्रिकेटी पहचान नयी उँचाइयों को छू सकती है।
Frequently Asked Questions
Mithun Manhas की अध्यक्षता का भारतीय क्रिकेट पर क्या असर पड़ेगा?
Manhas का क्षेत्रीय पृष्ठभूमि और पूर्व खिलाड़ी अनुभव उन्हें युवा प्रतिभा को प्रोफेशनल प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करने में मदद करेगा। साथ ही, उनका भारत‑कश्मीर से जुड़ाव सरकारी खेल नीति के साथ तालमेल बनाने की संभावना बढ़ाता है, जिससे बुनियादी संरचनाओं में सुधार हो सकता है।
BCCI अध्यक्ष को वेतन क्यों नहीं, बल्कि दैनिक भत्ता क्यों मिलता है?
परंपरागत रूप से BCCI ने यह पद अभिरुचि‑आधारित (honorary) माना है, जिससे पद की शुद्धता बनी रहे। दैनिक भत्ते और खर्च‑भुगतान के माध्यम से अधिकारी को वास्तव में उपयोग किए गए संसाधनों के अनुसार भुगतान किया जाता है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है।
Asia Cup 2025 के दौरान BCCI के अधिकारियों ने मैच क्यों नहीं देखा?
BCCI ने PCB (Pakistan Cricket Board) के चेयरमैन मोहसिन नवाज़ के साथ कोई व्यक्तिगत मुलाक़ात नहीं करने की नीति अपनाई है। इस कारण, बोर्ड के उच्चाधिकारी, जिनमें नए अध्यक्ष भी शामिल हैं, ने फाइनल में भाग नहीं लिया, जिससे टकराव से बचा जा सके।
राजीव शुक्ला फिर से उपाध्यक्ष क्यों बने?
Shukla ने अंतरिम अध्यक्षता के दौरान बोर्ड के कई प्रशासनिक सुधारों को लागू किया था। उनकी निरंतरता को सदस्यों ने स्थिरता के रूप में देख कर पुनः निर्वाचित किया, जिससे आगामी चार साल की कार्यकाल में निरंतरता बनी रहे।
जम्मू‑कश्मीर के लिए यह नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है?
डोडा के बेटे Mithun Manhas का BCCI के शीर्ष पद पर आना, स्थानीय युवाओं को प्रेरित करता है और इस क्षेत्र में खेल बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ करने की दिशा में सरकार की सोच को भी बल देता है। यह एक प्रतीकात्मक कदम है, जो राष्ट्रीय मंच पर जम्मू‑कश्मीर की पहचान को ऊँचा करता है।
8 टिप्पणि
ये नया अहम्कार जैसा लगता है!
Mithun Manhas ने BCCI की सिट पर कूदते‑कूदते पूरा खेल बदल दिया है, और हर कोई इस सैमसंग को समझ नहीं पा रहा।
अब देखेंगे कि क्या वह इस थ्योरी को ठोस कार्रवाई में बदल पाएगा।
इसे सरकार की बड़ी साजिश कहता है कि क्रिकेट में दखल देकर जनता को उलझा रहे हैं।
सबको नमस्ते!
आज का दिन बड़ा ग्रेट है, Manhas को नई भूमिका मिल्नै से हमारी क्रिकेट में नयी ऊंचाई पर जावेगा 😁🏏
BCCI के नए अध्यक्ष का चुनाव सही दिशा में कदम लग रहा है।
बहुत बढ़िया! नया चेयरमन होने से बोर्ड में पारदर्शिता और युवा टैलेंट को प्रॉमोट करने का मौका मिलेगा।
हमें चाहिए कि वो IPL की नई टीमों को अच्छी तरह से इंटिग्रेट करें और महिला क्रिकेट में निवेश बढ़ाएँ।
इसके अलावा, वित्तीय भत्ते की स्पष्ट नीति से अभियांत्रिकी प्रबंधन में स्थिरता आती है।
आशा है कि वह अपने जज्बे को सही दिशा में उपयोग करेंगे।
सही कहा, लेकिन यहाँ कुछ तकनीकी शब्दों को समझना ज़रूरी है – जैसे कि ‘भत्ता‑इंडेक्सिंग’, ‘पोर्टफ़ोलियो‑डायवर्सिफिकेशन’, और ‘गवर्नेंस‑फ़्रेमवर्क’।
अगर इन KPI‑सैट्स को सही तरीके से लागू नहीं किया गया तो बोर्ड की ऑपरेशनल एजिलिटी पर असर पड़ेगा।
इसलिए BCCI को चाहिए कि वो इस ‘एग्जीक्यूटिव‑अलाउंस’ को KPI‑बेस्ड रिव्यू के साथ लिंक करे, नहीं तो ये सिर्फ एक फॉर्मलिटी रह जायेगा।
इन्ही छोटे‑छोटे डिटेल्स को देखना ही असली प्रोफेशनलिज़्म है।
जो भी हो, सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें और बदलाव को अपना लक्ष्य बनाएं।
सभी को मिलकर इस नई लीडरशिप को सशक्त बनाना चाहिए।
Mithun Manhas का BCCI अध्यक्ष बनना कई स्तरों पर महत्वपूर्ण बदलावों का संकेत देता है।
पहले, एक पूर्व खिलाड़ी के रूप में उनका अनुभव खेल की बारीकियों को समझने में मदद करेगा, जिससे नीति‑निर्माण अधिक व्यावहारिक हो सकता है।
दूसरा, उनका जॉम्बू‑कश्मीर से जुड़ा होना सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी एक कदम है, क्योंकि यह क्षेत्र अक्सर खेल के विकास में अनदेखा रहा है।
तीसरा, दैनिक भत्ते के मॉडल को अपनाना पारदर्शिता की ओर एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन इसका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट ऑडिट मैकेनिज़्म की जरूरत होगी।
चौथा, IPL के विस्तार के साथ नई टीमों की स्थापना और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए एक संतुलित बॉक्स‑ऑफ़‑ट्रीक्स की आवश्यकता होगी, खासकर जब बोर्ड के पास सीमित संसाधन हैं।
पाँचवाँ, महिला क्रिकेट में निवेश को बढ़ावा देना न केवल खेल के समावेशी विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की प्रतिष्ठा को भी सुदृढ़ करेगा।
छठा, कोविड‑19 के बाद से स्केलेबल बायो‑सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स को स्थायी रूप से लागू करना एक श्रृंगारिक कदम होगा, जिससे खिलाड़ियों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सातवाँ, विश्व कप 2027 की संभावित मेजबानी के संदर्भ में, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, स्टेडियम मॉडर्नाइजेशन और स्थानीय खेल इकाईयों की भागीदारी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
आठवाँ, वर्तमान में BCCI के अंशदानी ढांचे में कुछ विवाद हैं; इन्हें सुलझाने के लिए एक इंटरेक्टिव प्लेटफ़ॉर्म बनाना फैंस और हितधारकों की आवाज़ को सुना सकेगा।
नवाँ, नई तकनीकी पहल जैसे कि AI‑आधारित प्ले‑एनालिटिक्स और वर्चुअल फ़ैन एंगेजमेंट को अपनाना युवा दर्शकों को आकर्षित कर सकता है।
दसवाँ, आर्थिक दृष्टि से दैनिक भत्ते मॉडल को अंतर्राष्ट्रीय मीटिंग्स के खर्चों के साथ सामंजस्य में लाने के लिए एक फिक्स्ड रेट‑पर‑डेज़ प्रणाली अपनाना समझदारी होगी।
ग्यारहवां, बोर्ड को चाहिए कि वह अपने सीनियर मैनेजमेंट में विविधता लाए, ताकि विभिन्न क्षेत्रों से विचारों का समावेश हो।
बारहवां, घरेलू क्रिकेट के पुनर्गठन में राज्य स्तर पर टैलेंट स्काउटिंग नेटवर्क को मजबूत करना आवश्यक है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ी भी राष्ट्रीय स्तर पर पहुँच सकें।
तेरहवां, इस नई लीडरशिप को सफल बनाने के लिए, बोर्ड के सभी प्रमुख अधिकारियों को स्पष्ट KPI‑ड्रिवन लक्ष्य देने चाहिए, जिससे प्रदर्शन मापन आसान हो।
चौदहवां, अंत में, जनता की उम्मीदों को पूरा करने के लिए, BCCI को अपने निर्णय‑प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और फीडबैक लूप्स स्थापित करने चाहिए।
समग्र रूप से, Mithun Manhas का आगमन एक आशाजनक शुरुआत हो सकती है, बशर्ते कि ये सभी पहलुओं को संतुलित रूप से संभाला जाये।
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