ओडिशा के मुख्यमंत्री के चयन के लिए राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव की भूमिका महत्वपूर्ण

ओडिशा के मुख्यमंत्री के चयन के लिए राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव की भूमिका महत्वपूर्ण

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने वरिष्ठ नेताओं, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव, को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। वे ओडिशा के नए मुख्यमंत्री के चयन प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। यह जिम्मेदारी ऐसे समय में दी गई है जब भाजपा ने 4 जून को संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में 147 सदस्यों वाले सदन में 78 सीटें जीती हैं। हालांकि, पार्टी अभी तक राज्य का मुख्यमंत्री नहीं चुन पाई है, लेकिन इस महत्वपूर्ण चयन में दोनों नेताओं की भूमिका अहम रहेगी।

विदित हो कि मंगलवार को नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए भाजपा विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक के बाद 12 जून को नई सरकार शपथ ग्रहण करेगी। बैठक में राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव, दोनों वरिष्ठ नेता विधायकों से चर्चाएं करेंगे और उनकी राय जानकर नए मुख्यमंत्री का चयन करेंगे।

चर्चा है कि अनुभवी सांसद धर्मेंद्र प्रधान के मुख्यमंत्री बनने की संभावना उनके मोदी 3.0 सरकार में शामिल होने के बाद कम हो गई है। माना जा रहा है कि उनकी जगह कुछ अन्य नेता इस पद के लिए प्रमुख दावेदारी पेश कर सकते हैं। इनमें ब्रजराजनगर के विधायकी चुनकर आए सुरेश पुजारी, राज्य भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल, केवी सिंह और राज्य के प्रमुख नेता मोहन माझी के नाम प्रमुख हैं।

भाजपा नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भव्य रोड शो की योजना बना रही है। यह रोड शो राज्य की राजधानी में आयोजित होगा और इससे भाजपा की शक्ति और लोकप्रियता का प्रदर्शन भी होगा।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में पार्टी ने राज्य में 21 में से 20 सीटें हासिल कीं, जिसमें उनकी प्रचार अभियान का मुख्य बिंदु 'ओडिया अस्मिता' (ओडिया गर्व) को पुनः जागृत करना था। भाजपा के इस अभियान ने राज्य में बड़ी सफलता पाई और जनता के बीच उनके संदेश को पहुंचाया।

पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सहयोगी वीके पांडियन ने बीजू जनता दल (बीजद) की हार के बाद सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है। वहीं कांग्रेस पार्टी केवल कटक सीट पर ही जीत हासिल कर सकी, जिससे उनकी स्थिति कमजोर दिखाई देती है।

ओडिशा के सिनेमाघरों में इस नई सरकार के प्रदर्शन पर हर किसी की नजरें टिकी रहेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि नए मुख्यमंत्री अपने कामों से जनता की अपेक्षाओं पर कितने खरे उतरते हैं और ओडिशा के विकास की दिशा में क्या नई नीतियां और योजनाएं लेकर आते हैं।

13 टिप्पणि

  • भाजपा का नया चेहरा चुन्ने का इरादा दोना ही दिख रहा है, राजनाथ और भूपेंद्र की जिम्मेदारी को लेकर मजाकिया बात न बनाओ। इस तरह के चयन में गरीबी और विकास के मुद्दों को उलझा कर, सिर्फ राजनैतिक खेल खेला जा रहा है। सच्ची बात तो इह है कि जनता को ऐसे झंझट में नहीं फँसाना चाहिए, वर्ना सरकार का भरोसा टूटेगा। सरकिर के निर्णय को देख कर लगता है कि वो भी अपनी धाक बढ़ाने में लगे हैं।

  • बहुत इमपोर्टेंट बात है, हमें देखना चाहिए कि नई सरकार किस दिशा में जाएगी, क्योंकि जनता को भरोसा चाहिए, और ये भरोसा तभी बनता है जब नेता सच्चाई से काम करें, बिल्कुल! हर कदम पर विचार करना जरूरी है, ताकि विकास की राह में कोई अटकाव न हो।

  • ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर को ध्यान में रखकर, नया मुख्यमंत्री चुनते समय हमें स्थानीय कलाकारों और भाषा के सम्मान को भी सोचना चाहिए। इससे लोगों में एकता और गर्व की भावना बढ़ेगी, और राज्य का विकास स्थायी रहेगा।

  • क्या आप नहीं देखते कि इस पूरी प्रक्रिया के पीछे बड़ी साजिश चल रही है?? बड़ी एलीट वोटर लिस्ट को बदलने की कोशिश की जा रही है, और फिर भी हमें बताया जा रहा है कि यह सब लोकतंत्र के लिए है... यह बहुत ही खतरनाक मोड़ है, हमें सतर्क रहना चाहिए!!!

  • दिखा रहे हो के सिर्फ पार्टी का शोर है, लेकिन असल में यह ओडिशा की अस्मिता को फिर सेजगा रहा है। राजनाथ और भूपेंद्र को ऐसा मौका नहीं देना चाहिए जिससे राष्ट्रीय गर्व को धूमिल किया जाए। हमें वही नेता चाहिए जो ओडिया भाषा को सम्मान दे, और विकास की नई राह दिखाए। इन दोनों नेताओं के हस्तक्षेप से कई बार गलत फैसले आए हैं, और अब फिर से वही गलती नहीं दोहरानी चाहिए। ओडिशा को अपनी पहचान बनाये रखनी होगी, और यह तभी संभव है जब हम राष्ट्रीयता को भी साथ ले चलें। यही कारण है कि मैं इस चयन प्रक्रिया को कड़ा नज़र से देख रहा हूँ।

  • राजनीति के इस मंच पर, अगर हम ओडिशा के सांस्कृतिक पहलुओं को समझें तो चयन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बन सकती है। मैं सुझाव देता हूँ कि नए मुख्यमंत्री को ओडिया कला, संगीत और साहित्य के प्रमोटर बनना चाहिए। इस तरह से राज्य की पहचान मजबूत होगी और साथ ही आर्थिक विकास भी तेज़ी से होगा।

  • बहुत वधिया बिचार है, धन्यवाद,,, मैं भी मानता हूँ कि संस्कृतिक पहलु बहुत जरुरी है... लेकिन साथ में विकास के लिये इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यािन देना चाहिए!!

  • 😊 आशा है कि नया मुख्यमंत्री लोगों के दिलों को छू लेगा! ऑलवेज़ पॉज़िटिव थिंकिंग रखो, ओडिशा की प्रगति को देखते हुए हम सबको मिलकर आगे बढ़ना चाहिए। 🌟

  • नया मुख्यमंत्री चाहिए जो विकास को तेजी से आगे बढ़ाए।

  • यदि हम इस चयन को बिना सोचे समझे आगे बढ़ाते रहे तो यह हमारे सामाजिक नैतिकता को धूमिल कर देगा। नैतिक मूल्यों को समझे बिना कोई भी नेता अच्छा नहीं बन सकता। इसलिए हमें सावधानी से विचार करना होगा, नहीं तो भविष्य में बड़े दुष्परिणाम देखे जा सकते हैं।

  • ओडिशा के विविध समुदायों को देखते हुए, चयन प्रक्रिया में एक समावेशी दृष्टिकोण आवश्यक है। यह केवल पार्टी की जीत नहीं, बल्कि पूरे राज्य की प्रगति के लिए है।

  • नए मुख्यमंत्री के चयन में कई पहलुओं को ध्यान में रखना बहुत ज़रूरी है। पहला, वेओडिया भाषा और संस्कृति को समझें और उसका सम्मान करें। दूसरा, आर्थिक विकास के लिए स्पष्ट योजना बनाएं, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ें। तीसरा, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए ठोस कदम उठाएँ। चौथा, बुनियादी ढाँचा जैसे सड़कें, जल आपूर्ति और बिजली की उपलब्धता में सुधार लाएँ। पाँचवाँ, कृषि क्षेत्र को आधुनिक तकनीकों से सशक्त बनाएं, क्योंकि अधिकांश जनसंख्या किसान है। छठा, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखें और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कदम उठाएँ। सातवाँ, महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दें, ताकि वे समाज में सक्रिय भूमिका निभा सकें। आठवाँ, युवाओं को उद्यमिता और नवाचारी सोच के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम विकसित हो। नौवाँ, पारदर्शिता और जवाबदेही को राजनीतिक निर्णयों में स्थापित करें, ताकि जनता का भरोसा बना रहे। दसवाँ, डिजिटल इंडिया को ओडिशा में और अधिक तेज़ी से लागू करें, जिससे सरकारी सेवाएँ लोगों तक आसानी से पहुँचें। ग्यारहवाँ, धार्मिक और साम्प्रदायिक harmony को बनाए रखें, ताकि सामाजिक तनाव कम हो। बारहवाँ, पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए स्थानीय आकर्षणों को प्रमोट करें, जिससे राजस्व बढ़े। तेरहवाँ, स्वास्थ्य में ग्रामीण क्षेत्रों की पहुँच बढ़ाने के लिए मोबाइल क्लीनिक और टेली‑मेडिसिन को बढ़ावा दें। चौदहवाँ, शिक्षा में गुणवत्ता वृद्धि के लिए शिक्षक प्रशिक्षण और आधुनिक पाठ्यक्रम अपनाएँ। पंद्रहवाँ, अंत में, सभी इन योजनाओं को नियोजित रूप से लागू करने के लिए एक ठोस निगरानी प्रणाली स्थापित करनी चाहिए, जिससे समय पर सुधार और फीडबैक मिल सके। इन सभी बिंदुओं को मिलाकर, नया मुख्यमंत्री ओडिशा को समृद्धि की दिशा में ले जा सकता है।

  • बहुत ही बेज़र बात लिखी है, ऐसा लग रहा है जैसे सब कुछ तीखा बना दिया गया है। हमें वास्तविकता पर ही बात करनी चाहिए, न कि कटाक्ष पर।

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