When discussing अमेरिकी शेयर बाजार, एक प्रमुख वित्तीय मंच है जहाँ अमेरिकी कंपनियों के शेयर खरीदे‑बेचे होते हैं. Also known as US Stock Market, it shapes global capital flows and directly influences Indian equity sentiment. इस पेज में हम बताएँगे कि इस बाजार के मुख्य घटक क्या हैं, कैसे आप इसे टैंक कर सकते हैं और किन खबरों पर नजर रखनी चाहिए।
सबसे बड़ा सूचकांक S&P 500, उपर्युक्त 500 सबसे बड़ी अमेरिकी सार्वजनिक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है है। उसी तरह NASDAQ, टेक‑सेंटर कंपनियों की लिस्टिंग के लिए जाना जाता है अक्सर तकनीकी शेयरों के प्रदर्शन को मापता है। इन दोनों सूचकांकों के बीच का अंतर समझना आपको मार्केट की दिशा पढ़ने में मदद करेगा – अगर S&P 500 बुलिश है तो बड़े कंज़्यूमर और इंडस्ट्री कंपनियों में अवसर हो सकते हैं, जबकि NASDAQ में तकनीक‑बेस्ड स्टॉक्स की तेज़ी से बढ़ोतरी या गिरावट दिखाई देती है।
जब आप अमेरिकी स्टॉक्स में निवेश करने की सोचते हैं, तो सबसे सरल तरीका ETF, एक्सचेंज‑ट्रेडेड फंड जो कई शेयरों को एक ही यंत्र में बाँधता है का उपयोग है। उदाहरण के तौर पर, "SPY" S&P 500 को ट्रैक करता है, जबकि "QQQ" NASDAQ‑100 को। ETFs आपको कम लागत पर जोखिम को फैला कर निवेश करने का मौका देते हैं और दैनिक ट्रेडिंग में आसानी भी मिलती है।
भारत में कई म्यूचुअल फंड और बैलेंस्ड पोर्टफोलियो अमेरिकी बाजार के रिटर्न को रेफ़रेंस बनाते हैं। जब US में फेडरल रिज़र्व ब्याज दरें घटाता है, तो आम तौर पर डॉलर कमजोर होता है और विदेशी पूँजी भारतीय इक्विटी में बहती है। वहीँ अगर अमेरिकी डेटा जैसे रोजगार या महँगी दरों में गिरावट दिखाती है, तो NIFTY या Sensex की गति धीमी हो सकती है। यही कारण है कि भारतीय निवेशकों को US मार्केट की खबरों को रोज़ फॉलो करना चाहिए, चाहे वह ट्रेज़री बांड यील्ड हो या टेक कंपनियों की क्वार्टर्ली रिपोर्ट।
आपको यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि अमेरिकी शेयर बाजार में घातक अस्थिरता कभी‑कभी आती है, जैसे कि "गेटवे‑टू‑डिज़ाइन" या "आयात‑निर्यात विनिमय" के बड़े एनालिटिक्स में अचानक बदलाव। ऐसी स्थितियों में वित्तीय विश्लेषण, ट्रेंड, वैल्यूएशन और फ़ंडामेंटल डेटा की गहरी जाँच आपकी रक्षा कर सकती है। तकनीकी चार्ट, रेशियो‑आधारित स्क्रीनिंग और कंपनी के प्रबंधन की क्वालिटी देखना हमेशा फायदेमंद रहता है।
यदि आप अभी शुरुआत कर रहे हैं, तो छोटे‑से‑छोटे हिस्से से निवेश शुरू करें और धीरे‑धीरे अपने पोर्टफ़ोलियो को विविध बनाते जाएँ। सबसे पहले एक विश्वसनीय ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म चुनें जो US‑based stocks को उपलब्ध कराए, फिर एक या दो प्रमुख ETFs को खरीद कर बाजार की दिशा का ताज़ा अनुभव लें। समय‑समय पर अपने निवेश को री‑बैलेंस करने से जोखिम कम रहता है और आप लाभ को मैक्सिमाइज़ कर पाते हैं।
हमारे नीचे दिखाए गए लेखों में आपको US‑मार्केट के मौजूदा रुझानों, प्रमुख कंपनियों की रिपोर्ट, और भारतीय निवेशकों के लिए उपयोगी टिप्स मिलेंगे। चाहे आप डेमार्जर‑सम्बन्धी शेयरों की खबरें (जैसे टाटा मोटर्स) देख रहे हों या ग्लोबल टेक‑जॉइनिंग्स (जैसे Google) के अपडेट, यहाँ सब कुछ एक ही जगह पर है। तैयार रहें, क्योंकि अगले सेक्शन में वही जानकारी है जो आपके ट्रेडिंग निर्णयों को तेज़ और सुरक्षित बनाएगी।
ट्रम्प ने 100% फार्मास्यूटिकल टैरिफ की घोषणा, शेयर बाजार में मिली मिली प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति ट्रम्प ने 1 अक्टूबर से सभी ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ लागू करने का इरादा जताया, लेकिन अमेरिकी निर्माण में निवेश करने वाली कंपनियों को छूट दी जाएगी। इस घोषणा पर बहुत बड़ी गिरावट के बजाय दवा कंपनियों के शेयरों में हल्की उछाल देखी गई। अधिकांश दवा बनाने वाले पहले ही यूएस में कारखाने चला रहे हैं, जिससे टैरिफ के असर को लेकर अनिश्चितता बनी है। दीर्घकालिक प्रभाव अभी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि टैरिफ लागू करने के नियमों का खुलासा अभी बाकी है।