क्या CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) की कोई खबर या नोटिस समझ में नहीं आ रहा? यहां सीधे, आसान भाषा में बताता हूँ कि CBDT क्या करती है, उसके नोटिस का मतलब क्या होता है और आप तुरंत क्या कर सकते हैं।
CBDT भारत में आयकर नीति बनाती है, सर्कुलर जारी करती है और टैक्स नियमों के पालन की दिशा तय करती है। इसका असर सीधे-सीधे ITR, TDS, टैक्स रिफंड और ऑडिट से जुड़ा होता है। जब नया सर्कुलर या दिशा-निर्देश आता है तो करोड़ों करदाता और कंपनियाँ उससे प्रभावित होती हैं—कभी नियम बदलते हैं, कभी प्रक्रियाएँ साफ की जाती हैं।
नोटिस मिलने पर घबराएं नहीं। ये आसान कदम अपनाएं:
1) नोटिस ध्यान से पढ़ें — कारण और समय-सीमा समझें।
2) फॉर्म 26AS, TDS स्लिप और अपने ITR की कॉपियाँ मिलान करें। अक्सर TDS या फॉर्म बेस्ड मिस्टेक्स होते हैं।
3) जरूरी दस्तावेज इकट्ठा करें — बैंक स्टेटमेंट, पे स्लिप, बोन्ड, बिल वगैरह।
4) जवाब ई-फाइलिंग पोर्टल से दें या नोटिस में दी गई लिंक/पते पर भेजें। कम समय बचे तो तुरंत प्रोफेशनल (CA/Tax Consultant) से सलाह लें।
5) अगर गलतियां TDS में हैं तो कर्ता/रिटर्न फाइलर से सुधार करवाएँ और संशोधित TDS/अमेंडमेंट कराएं।
ध्यान रखें: नोटिस पर समय पर कार्रवाई करने से जुर्माना और ब्याज बढ़ने से बचता है।
CBDT की नई सर्कुलर और नोटिफिकेशन जानने के लिए नियमित तरीके अपनाएं:
- आधिकारिक ई-फाइलिंग पोर्टल और CBDT की प्रेस रिलीज देखें।
- बैंक/नियोक्ता को TDS सही तरीके से कटवाने के लिए समय-समय पर रिमाइंडर दें।
- साल भर के दस्तावेज और बिल्स कम से कम 6 साल तक सुरक्षित रखें—आकलन और विवाद के लिए यह उपयोगी होता है।
- यदि आप छोटे व्यापारी या फ्रीलांसर हैं तो Advance Tax और TDS के बेसिक नियम समझें ताकि बाद में नोटिस न आए।
अगर CBDT कोई बड़ा बदलाव लाता है—जैसे टैक्स स्लैब, रिटर्न प्रोसेसिंग या रिफंड पॉलिसी—तो उसे तुरंत अपने टैक्स प्रोफेशनल के साथ समझें और आवश्यक अपडेट करें।
इस टैग पेज पर हम CBDT से जुड़ी ताज़ा खबरें, सर्कुलर और करदाता-उपयोगी टिप्स साझा करते रहेंगे। नोटिस आया है और आप कन्फ्यूज़ हैं? अपनी स्थिति साफ करके तुरन्त कार्रवाई करें—छोटी भूल भी बाद में बड़ी परेशानियाँ बना सकती है।
आयकर ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तारीख अब 7 अक्टूबर: आपको क्या जानना चाहिए
आयकर विभाग ने मूल्यांकन वर्ष 2023-24 के लिए ऑडिट रिपोर्ट जमा कराने की अंतिम तारीख को 30 सितंबर 2024 से बढ़ाकर 7 अक्टूबर 2024 कर दिया है। इस निर्णय के पीछे ई-फाइलिंग पोर्टल में तकनीकी समस्याएं मुख्य कारण रही हैं। यह विस्तार उन सभी करदाताओं पर लागू होगा जिनके लिए आयकर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2024 है।