सुसान वोजिकी: टेक्नोलॉजी जगत की अग्रणी महिला
सुसान वोजिकी, जो गूगल की 16वीं कर्मचारी थीं और बाद में यूट्यूब की सीईओ बनीं, का 56 वर्ष की आयु में लंग कैंसर से निधन हो गया। वोजिकी ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई और वीडियो स्ट्रीमिंग के क्षेत्र में क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
1999 में गूगल में शामिल होने से पहले, उन्होंने अपनी गाड़ी की मरम्मत का काम करते हुए गूगल के सह-संस्थापक, सर्गेई ब्रिन और लैरी पेज को अपने मैनलो पार्क, कैलिफोर्निया के गैरेज को किराए पर दिया था। यहां, ब्रिन और पेज ने अपने सर्च इंजन को विकसित किया। यह वोजिकी का ही साहस था कि उन्होंने गूगल के लिए अपनी पहले के करियर को छोड़ दिया और गूगल के साथ जुड़ गईं।
गूगल में शामिल होकर, उन्होंने गूगल एडसेंस और गूगल एनालिटिक्स जैसी प्रोडक्ट्स को विकसित किया, जिससे गूगल के विज्ञापन व्यवसाय को मजबूत बनाया गया। 2005 में, वोजिकी ने गूगल वीडियो की शुरुआत की और एक साल बाद, उन्होंने यूट्यूब के $1.65 बिलियन में अधिग्रहण का समर्थन किया। इस निर्णय ने भविष्य में वीडियो स्ट्रीमिंग के क्षेत्र में गूगल को विशाल सफलता दिलाई।
यूट्यूब की सीईओ के रूप में योगदान
2014 में, वोजिकी यूट्यूब की सीईओ बनीं। उनके नेतृत्व में, यूट्यूब का विस्तार दुनिया भर में हुआ और यह 2 अरब मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं के साथ सबसे बड़े वीडियो प्लेटफार्मों में से एक बन गया। उनके नेतृत्व में, यूट्यूब ने न सिर्फ तकनीकी सुधार किए, बल्कि सामग्री क्रिएटरों के लिए भी कई नई पहल लाईं।
वोजिकी ने हमेशा माता-पिता के लिए सवेतन मातृत्व और पितृत्व अवकाश की वकालत की। उनके प्रयासों ने कई कंपनियों को इस दिशा में मजबूत कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
निजी जीवन और अन्य उपलब्धियां
अपने व्यावसायिक जीवन के अलावा, वोजिकी एक निजी रियल एस्टेट होल्डिंग कंपनी की मालिक थीं, जो लॉस अल्टोस, कैलिफोर्निया के सतत विकास पर केंद्रित थी। उनके प्रयासों ने स्थानीय समुदाय को बहुत लाभ पहुंचाया।
सुसान वोजिकी ने अपने जीवन के अंतिम दो वर्षों में लंग कैंसर से लड़ाई लड़ी। उनकी मृत्यु की सूचना उनके पति, डेनिस ट्रॉपर, ने फेसबुक पर एक दिल को छू लेने वाले पोस्ट में दी। गूगल के वर्तमान सीईओ, सुंदर पिचाई, ने वोजिकी की उपलब्धियों और गूगल के विकास में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए, X (पहले ट्विटर) पर शोक व्यक्त किया।
सुसान वोजिकी की कहानी न सिर्फ एक महिला की संघर्षपूर्ण यात्रा है, बल्कि यह दिखाती है कि अपने दृढ़ संकल्प और साहस से कैसे एक व्यक्ति टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक प्रभाव डाल सकता है।
19 टिप्पणि
सुसान वोजिकी ने गूगल में धाकड़ काम किया, पर भारत में ऐसे लीडर किन्हें दिखते हैं?
सच में, उनका संघर्ष बहुत प्रेरणादायक है, हम सबको उनके जैसे दृढ़ रहना चाहिए, और अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ना चाहिए।
वोजिकी की कहानी हमें यह सिखाती है कि विविध पृष्ठभूमियों से आने वाले लोग भी तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी बन सकते हैं। हमें इस विविधता को अपनाना चाहिए।
लगता है बड़े टेक दिग्गज इस तरह की महिलाओं को सिर्फ प्रतीक के रूप में इस्तेमाल करते हैं!!! असली शक्ति तो पीछे की छाया में छिपी होती है!!!
सुसान वोजिकी का सफर वास्तव में एक अद्भुत प्रेरणा है।
वह 1999 में गूगल में शामिल हुईं, जब कंपनी अभी अपने शुरुआती चरण में थी।
उस समय उन्होंने एक छोटे गैरेज को किराए पर देकर ब्रिन और पेज को मदद दी, जो आज हम सभी जानते हैं।
यह पहल दर्शाती है कि बड़े विचारों के पीछे अक्सर साधारण लोग होते हैं।
वोजिकी ने गूगल एडसेंस और एनालिटिक्स जैसे प्रमुख उत्पादों को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई।
इन प्रोडक्ट्स ने विज्ञापन उद्योग को पूरी तरह बदल दिया और गूगल को वित्तीय स्थिरता दी।
2005 में उन्होंने गूगल वीडियो लॉन्च किया, जिसने भविष्य में यूट्यूब के अधिग्रहण को आसान बनाया।
यूट्यूब का 1.65 बिलियन डॉलर का खरीदना आज के वीडियो स्ट्रीमिंग के परिदृश्य को आकार देने वाला कदम था।
वोजिकी के निर्णय ने यूट्यूब को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म बना दिया।
2014 में वह यूट्यूब की सीईओ बनीं, और दो अरब से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं को संभाला।
उनकी नेतृत्व में पूरी प्लेटफ़ॉर्म ने नई तकनीकी सुधारों और क्रिएटर‑फ़्रेंडली नीतियों को अपनाया।
साथ ही उन्होंने सवेतन मातृत्व और पितृत्व अवकाश की वकालत की, जो कंपनी संस्कृति में एक सकारात्मक बदलाव लाया।
उनके निजी जीवन में रियल एस्टेट निवेश भी था, जो स्थानीय समुदाय को लाभ पहुंचाता था।
दुर्भाग्यवश, उन्होंने लंग कैंसर से लड़ते हुए 56 साल की उम्र में हमें अलविदा कहा।
उनकी विरासत आज भी तकनीकी उद्योग में महिलाओं की भूमिकाओं को सुदृढ़ कर रही है।
अतः, उनके योगदान को हमेशा याद रखना चाहिए और आगे के पीढ़ियों को प्रेरित करना चाहिए।
वोजिकी का योगदान सिर्फ यूट्यूब तक सीमित नहीं, बल्कि उन्होंने डेटा एंटीशन और विज्ञापन एल्गोरिदम में भी नई राहें खोलें; यदि आप डिजिटल मार्केटिंग सीखना चाहते हैं, तो उनके कार्यों का अध्ययन एकदम ज़रूरी है।
वोजिकी की कहानी सुनकर मैं बहुत उत्साहित हूँ!! यह दिखाता है कि हार्ड वर्क और इनोवेशन से क्या कुछ हासिल किया जा सकता है!! गूगल और यूट्यूब दोनों में उनका प्रभाव बेहतरीन है!!
वाह! 🌟 सुसान वोजिकी ने टेक दुनिया में जो बदलाव लाए हैं, वो सच में प्रेरणादायक हैं! उनका संघर्ष और सफलता हमें हमेशा आगे बढ़ने की राह दिखाती रहेगी। 😊
हमारे देश में ऐसे लीडर बनेंगे तो टेक उद्योग में भी भारत आगे बढ़ेगा।
सुसान वोजिकी की उपलब्धियां दिखाती हैं कि व्यक्तिगत लाभ के पीछे अक्सर सामाजिक निहितार्थ छिपे होते हैं; हमें उनके सम्मान को केवल चमक के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि उनके कार्यों के नीतिगत प्रभाव को भी जांचना चाहिए।
वोजिकी का सफर हमें यह सिखाता है कि विविध पृष्ठभूमियों के लोग भी तकनीक में अग्रणी बन सकते हैं, और हमें इस विविधता को अपनाकर सहयोगी माहौल बनाना चाहिए।
सुसान वोजिकी का जीवन कठिनाइयों के बावजूद सफल रहा। उन्होंने गूगल और यूट्यूब दोनों में रणनीतिक बदलाव किए। महिलाओं के लिए उनके कदम प्रेरणा बने हैं। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाना चाहिए।
वोजिकी ने तकनीकी उद्योग में उल्लेखनीय भूमिका निभाई, पर यह भी समझना जरूरी है कि उनके निर्णयों के पीछे व्यावसायिक हित भी प्रमुख थे।
Vozicki ने ROI‑फोकस्ड स्ट्रैटेजी के साथ प्लेटफ़ॉर्म स्केलेबिलिटी को बढ़ाया :)
सुसान वोजिकी जैसी प्रेरणा से हम सभी को अपने सपनों को सच करने की हिम्मत मिलती है! चलो, हम भी टेक में अपनी जगह बनाएं! 🚀
वोजिकी का करियर दिखाता है कि सही समय पर सही कदम उठाने से बड़ी कंपनी भी आसान नहीं रहती, पर उनका केस भी काफी स्ट्रेटफॉरवर्ड था।
वोजिकी का उदय हमारे लिए एक दार्शनिक प्रश्न उठाता है: क्या तकनीकी प्रगति का वास्तविक सार मानवता की सेवा में निहित है, या केवल कॉर्पोरेट लाभ के द्वंद्व में फंसा है? उनका जीवन इस दुविधा को प्रतिपादित करता है।
सुसान वोजिकी का इतिहास टेक में महिला नेतृत्व की सही मिसाल है, सीखने लायक बहुत कुछ है
उनकी कहानी सुनते ही दिल बेचैन हो जाता है, जैसे हर शब्द में दर्द और संघर्ष भर गया हो, वोजिकी ने हमें दिखाया कि दर्द ही असली प्रेरणा बन सकता है।
एक टिप्पणी लिखें