समीर डे: ओडिशा के वरिष्ठ भाजपा नेता का निधन
ओडिशा के प्रमुख भाजपा नेता और राज्य के पूर्व मंत्री समीर डे का 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें गंभीर स्वास्थ समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, डे ने ओडिशा की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध रहे। उनके निधन की खबर से राज्य में शोक की लहर दौड़ गई।
स्वास्थ्य समस्याओं ने लिया गंभीर मोड़
समीर डे को 1 नवम्बर 2024 को कटक के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबियत निमोनिया और अन्य जटिलताओं के चलते बिगड़ गई थी। डॉक्टरों ने बताया कि कई अंगों की विफलता के कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ा। 18 नवम्बर को दोपहर 1:50 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उनका निधन न केवल उनके परिवार और शुभचिंतकों के लिए, बल्कि सम्पूर्ण समाज के लिए एक बड़ा नुकसान है, जिन्होंने उन्हें एक समर्पित और प्रतिभाशाली नेता के रूप में देखा।
स्मरणीय राजनीतिक सफर
समीर डे ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत भारतीय जनता पार्टी के साथ की, जहां उन्होंने अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता से पार्टी को आगे बढ़ाने में मदद की। वर्ष 1995, 2000 और 2004 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कटक शहर का प्रतिनिधित्व किया और मजबूत ज्यादातर वोटों से जीत हासिल की। 2000 से 2004 तक वे नगरीय विकास मंत्री रहे, जबकि 2004 से 2009 तक उच्च शिक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला। उनके कार्यकाल में राज्य के नगरीय क्षेत्रों और शैक्षिक संस्थानों में अनगिनत बदलाव और सुधार हुए।
राजनीतिक दिग्गजों के श्रद्धांजलि संदेश
समीर डे के असामयिक निधन पर कई प्रमुख नेताओं ने संवेदनाएँ व्यक्त की। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपने गहरे शोक को व्यक्त करते हुए उनके अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की। उपमुख्यमंत्री प्रवती परिडा और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने भी दुख प्रकट किया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डे को न केवल एक मित्रवत और प्रभावी नेता के रूप में वर्णित किया, बल्कि उनके योगदान को भाजपा की राष्ट्रीय विचारधारा को ओडिशा में फैलाने में महत्वपूर्ण माना।
डे की स्थायी विरासत
समीर डे का राजनीतिक जीवन उनकी अनुकरणीय नेतृत्व शैली और सटीक निर्णय क्षमता का प्रमाण था। उन्होंने ओडिशा विशेष रूप से कटक शहर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राज्य की जनसंख्या के बीच भाजपा को एक मजबूत स्थान दिलाने में उनका योगदान अमूल्य था। कटक का उनका सपना आज भी उनके द्वारा किए कार्यों में देखा जा सकता है। उनके कार्यकाल के दौरान विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के माध्यम से उन्होंने शहर की बुनियादी ढाँचे को सुधारने की दिशा में कई प्रयास किए।
समीर डे की विरासत आज भी उनके अनुकरणीय कार्यों और अद्वितीय दृष्टिकोण के रूप में जीवित है। उनके निरंतर प्रयास और सेवा भाव ने उन्हें जनता के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाया। वह हमेशा मिलनसार, दूरदृष्टि वाले और वफादार नेता के रूप में याद किए जाएंगे। उनके जैसे नेता का निधन निश्चित रूप से राजनीतिक क्षेत्र में एक बड़ा शून्य छोड़ देता है, जिसे भरना मुश्किल है।
एक टिप्पणी लिखें